Alwar प्रशासनिक सुधार विभाग टीम का छापा 40 अधिकारी व 199 कर्मचारी मिले अनुपस्थित

Alwar प्रशासनिक सुधार विभाग टीम का छापा 40 अधिकारी व 199 कर्मचारी मिले अनुपस्थित
 
Alwar प्रशासनिक सुधार विभाग टीम का छापा 40 अधिकारी व 199 कर्मचारी मिले अनुपस्थित
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग की राज्य स्तरीय टीम ने गुरुवार को जिला मुख्यालय के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान 102 हाजिरी रजिस्टर अपने कब्जे में लिए। अचानक पहुंची टीम से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। टीम ने सुबह 9.45 बजे सरकारी कार्यालयों में पहुंची। इन कार्यालयों में कुल 288 राजपत्रित अधिकारी हैं। इनमें 40 राजपत्रित अधिकारी अनुपस्थित थे, यानि 13.88 प्रतिशत अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे थे। इसी तरह 774 अराजपत्रित कर्मचारियों में से 199 कर्मचारी यानि 25.71 प्रतिशत अनुपस्थित थे। इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी जा रही है। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग की शासन सचिव उर्मिला राजोरिया के नेतृत्व में राज्य स्तरीय निरीक्षण दल के सदस्य महेन्द्र कुमार सरावता. चेनाराम भदाला और दयाराम गुर्जर ने विभागों का औचक निरीक्षण किया था।

जनता से जुड़े विभागों के हाल खराब

जिला मुख्यालय पर सबसे ज्यादा हाल खराब जनता से सीधे जुड़े विभागों के हैं। पानी, बिजली, नगर निगम, यूआईटी जैसे विभागों में कार्मिक हमेशा गायब रहते हैं। जबकि मुख्य सचिव सुधांश पंत ने पद संभालने के बाद खुद कई विभागों का निरीक्षण किया था। कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। इसके बाद साफ निर्देश दिए गए थे कि सभी कार्मिक तय समयावधि में दफ्तर पहुंचे, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। थोड़े दिन इस सख्ती का असर अलवर में दिखा, लेकिन फिर कार्मिक देरी से पहुंच रहे थे।विभाग की ओर से पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए राज्यस्तरीय टीम का गठन किया गया है। यह टीम विभिन्न जिलों में जाकर सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर रही है। ज्यादातर जिलों में कर्मचारी व अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं।

अलवर से भी जा रही थीं शिकायतें

अलवर से भी विभिन्न माध्यमों से सरकार तक यह शिकायतें जा रही थी कि कर्मचारी व अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचते हैं। यही नहीं सरकार ने आमजन से मिलने का जो वक्त तय कर रखा है, उस समयावधि में भी कार्मिक सीट से गायब रहते हैं। इसे लेकर लगातार शिकायतें होती रहती है।