Alwar अगर ये दो गांव भी स्थानांतरित हो जाएं तो 17 बाघों को घर मिल जाएगा
पैके दिया, मगर नहीं गए ग्रामीण : अभयारण्य के सीटीएच इलाके में बसे किरास्का गांव को 2016 से 17 में पैकेज दिया गया था। इस गांव के 35-40 परिवारों को तालवृक्ष के पास कानपुरा में विस्थापित किया जाना था। गांव वालों ने सहमति दे दी और उन्हें मुआवज की एक-दो किश्त दी गई थी। इसके बावजूद ग्रामीणों ने कानपुरा की जमीन भी ले ली और यहां से गए भी नहीं। आज ये ग्रामीण दोनों जगहों पर खेती कर रहे हैं। यह गांव खाली हो जाए तो 7 टाइगर रह सकते हैं।
बाघों की शिटिंग गलत
सरिस्का टाइगर कंजर्वेशन ऑर्गेनाइजेशन के सचिव चिन्मय मक मैसी ने कहा कि जगह की कमी बताकर बाघों को शिट करना गलत है। सरकार को मुआवजा पैकेज निर्धारित करके प्रभावित गांवों के लोगों को देना चाहिए, ताकि बाघों को विचरण के लिए जमीन मिल सके। अभी 18 शावक हैं। ये बड़े होंगे तो क्या इन्हें भी शिट कर देंगे। इसी तरह सीटीएच इलाके में राजोरगढ़ गांव भी आता है। यहां भी 40 से 45 से परिवार रह रहे हैं। इस गांव को खाली कराया जाता है तो 10 टाइगर यहां टेरेटरी बना सकते हैं। ज्यादातर गांवों में मुआवजा पैकेज को लेकर विभाग के साथ विवाद बना हुआ है।