Alwar नगर निगम मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव की तैयारी, जनता डालेगी वोट

Alwar नगर निगम मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव की तैयारी, जनता डालेगी वोट
 
Alwar नगर निगम मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव की तैयारी, जनता डालेगी वोट
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर नगर निगम मेयर का चुनाव सीधे करवाने की तैयारी सरकार कर रही है। इस पर कैबिनेट की बैठक में मंथन होने की संभावना। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि सीधे चुनाव कराने से भाजपा का जनाधार और बढ़ेगा। शहरों में पार्टी का वोटबैंक ठीक है। ऐसे में चुनाव जीतने में भी कोई बड़ी बाधा नहीं आएगी। इसके अलावा अप्रत्यक्ष प्रणाली से भ्रष्टाचार को मिल रहे बढ़ावे पर भी रोक लग सकेगी। यदि सरकार ने प्रत्यक्ष प्रणाली पर मुहर लगा दी तो अलवर में भी मेयर चुनाव के समीकरण बदल जाएंगे। कई बड़े नेता मेयर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आएंगे। धनबल के आधार पर मेयर का सपना देख रहे नेताओं को झटका लग सकता है।

नगरपालिका एक्ट में करना होगा बदलाव: प्रदेशभर के नगर निगम, नगर परिषद में अध्यक्षों के डायरेक्ट इलेक्शन के लिए नगरपालिका एक्ट में बदलाव करना होगा। वर्ष 2009 में कांग्रेस ने प्रत्यक्ष प्रणाली के जरिए मेयर, अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराए थे। लेकिन ज्यादातर शहरों में बोर्ड और महापौर अलग-अलग पार्टियों का बनने की वजह से विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके बाद सरकार बनते ही भाजपा ने वर्ष 2014 में इसे बदल दिया था। सीधे जनता की बजाय पार्षदों के माध्यम से मेयर-सभापति चुनने का नियम लागू किया था। बताया जा रहा है कि अब पार्टी दूसरी लाइन में चल रही है। ऐसे में डायरेक्ट इलेक्शन की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

मेयर के कई दावेदार, बांटे जा रहे गिट

सीधे चुनाव होगा तो भाजपा व कांग्रेस को ऐसे नेताओं को मैदान में लाना होगा, जिसका जुड़ाव जनता से रहा हो। साफ छवि हो। ऐसे में कई दावेदारों के मंसूबे धरे रह जाएंगे। बताते हैं कि कुछ नेता पैसे के बल पर चुनावी मैदान में आने की तैयारी कर रहे हैं। वह बड़े नेताओं अभी से साधने की कोशिश में हैं। एक पार्टी के दो पार्षदों ने तो अभी से गिट बांटकर माहौल बनाना शुरू कर दिया है। यह मामला बड़े पदाधिकारियों तक पहुंचा तो चर्चा का विषय बन गया। जानकारों का कहना है कि यदि सीधे चुनाव होगा तो हवाई वाब देखने वाले लोग बाहर होंगे और पद की गरिमा समझने वाले लोग मेयर बन सकते हैं।

इन राज्यों में सीधे चुनाव

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छग, उत्तराखंड, झारखंड आदि राज्यों में प्रत्यक्ष प्रणाली लागू है। सीधे जनता मेयर चुनती है। इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगती है। साथ ही पार्टी जनता तक पहुंचती है तो आगे के लिए वोट सहेजती है। जनता भी गर्व महसूस करती है, जबकि अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाने पर कोई भी पार्षद किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को वोट कर देता है। इसमें बड़ा खेल होता है। अलवर में भी पिछले चुनाव में यह खेल हुआ। एक पार्टी के प्रत्याशी ने कर्ज पर पैसे लिए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी।