Bharatpur राजपरिवार मामले में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह को नहीं मिली राहत, जानें पूरा मामला
भरतपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के पूर्व मंत्री और भरतपुर राज परिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह की वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण याचिका पर शुक्रवार शाम कलेक्टर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में पुत्र अनिरुद्ध सिंह को पिता विश्वेंद्र सिंह की देखभाल करने व गाली गलौच नहीं करने के आदेश दिए हैं. वहीं पत्नी दिव्या सिंह को किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. कोर्ट के इस फैसले में किसी भी प्रकार की कोई राशि का उल्लेख नहीं है. कोर्ट ने कहा कि परिवार के सभी सदस्य सद्भावनापूर्ण आपसी व्यवहार रखते हुए जीवन व्यतीत करेंगे.
5 लाख रुपये प्रतिमाह देने की मांग
पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने 6 मार्च 2024 में खुद को वरिष्ठ नागरिक बताते हुए एसडीएम कोर्ट में पत्नी दिव्या सिंह और पुत्र अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ भरण पोषण के लिए 5 लाख रुपये प्रतिमाह देने का दावा किया था. 13 से अधिक तारीखों के बाद एसडीएम रवि कुमार ने दायर की गई याचिका को कोर्ट में चलने लायक नहीं होने का हवाला देकर खारिज कर दिया. बाद में पूर्व मंत्री ने एसडीएम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कलेक्टर कोर्ट में दावा किया था. शुक्रवार को इसका फैसला आया, जिसके बारे में जानकारी देते हुए वकील श्रीनाथ शर्मा ने बताया कि विश्वेंद्र सिंह को फैसले से कोई राहत नहीं मिली है. इसमें राशि का जिक्र नहीं है. इसमें केवल अनिरुद्ध सिंह को पाबंद किया गया है. अब मामले को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में रिट दायर करेंगे.
पिता के लिए करनी होगी घर की व्यवस्था
इस मामले में कलेक्टर कोर्ट के फैसले की आदेश कॉपी को देखें तो उसमें लिखा है कि अनिरुद्ध सिंह अपने माता-पिता की वृद्धावस्था में देखभाल करेंगे, उनकी जरूरतों को पूरा करेंगे, और उनके रहने के लिए घर की व्यवस्था करेंगे. इसके अलावा वह अपने पिता से अभद्र व्यवहार एवं गाली गलौज भी नहीं करेंगे. वहीं पूर्व मंत्री ने पिता से वसीयत से प्राप्त जमीन दिलवाने, जीवन निर्माण संस्थान की जमीन के दान पात्र को निरस्त करने की मांग की थी. इस पर कलेक्टर कोर्ट के उनसे दूसरी कोर्ट में जाने के लिए कहा है.