Bikaner मानसून के बीच 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर आयुक्त, चर्चाएं तेज

Bikaner मानसून के बीच 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर आयुक्त, चर्चाएं तेज
 
Bikaner मानसून के बीच 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर आयुक्त, चर्चाएं तेज

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, नगर निगम आयुक्त अशोक कुमार असिंजा मानसून सीजन में अचानक 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर चले गए हैं। बारिश के बाद जलभराव से निजात दिलाने के लिए हर वार्ड में काम करवाने की जरूरत है। आगामी नगर निगम चुनाव के चलते हर पार्षद अपने वार्ड की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करवाना चाहता है। यानी जबरदस्त राजनीतिक दबाव है। ऊपर से बजट नहीं मिल रहा है। ऐसे में निगम आयुक्त के अवकाश पर जाने से चर्चाएं गर्म हैं।कुछ महीने पहले तक प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। इधर नगर निगम में मेयर भाजपा से थे। निगम आयुक्त सरकार की सुनते थे, जिसके चलते मेयर और आयुक्त अक्सर आमने-सामने रहते थे। टकराव ज्यादा और काम कम होता था। यही हाल पूर्व निगम आयुक्त केसर लाल मीना का भी था। प्रदेश में सरकार बदली तो मीना का हटना तय था। तब मौजूदा आयुक्त असिनजा शिक्षा विभाग में अतिरिक्त निदेशक थे।

उन्हें नगर निगम आयुक्त के पद पर लाने के प्रयास तेज हो गए। महापौर के आग्रह पर केंद्रीय विधि मंत्री ने हस्तक्षेप किया और जब सीएम भजनलाल शर्मा आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यवाह जसवंत खत्री की शादी में यहां आए तो उसी दिन केसरलाल मीना को हटाने की पटकथा लिख ​​दी गई। इस संबंध में मेघवाल ने सीएम से बात की थी। मीना के विकल्प के तौर पर सुझाए गए नामों में अशोक कुमार असिनजा का नाम सामने आया। सरकार ने दो दिन में ही मीना को हटाकर असिनजा को यहां भेज दिया। असिनजा ने तुरंत ज्वाइन कर लिया। निगम की खराब वित्तीय स्थिति के कारण असिनजा धीरे-धीरे निगम में असहज महसूस करने लगे। भाजपा संगठन के नेता और कुछ पार्षद डीडीआर कार्यालय में असिनजा से मिलने गए, शहर के परिसीमन और खरीदी गई 3000 लाइटों के संबंध में ज्ञापन दिया। असिनजा ने कहा कि मैं नियमों के विरुद्ध कुछ नहीं करूंगा। चाहे आप मेरा तबादला करवा दो या एपीओ करवा दो। सूत्रों का कहना है कि आयुक्त अब निगम में नहीं रहना चाहते हैं। वे अर्जुनराम मेघवाल तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनके सामने समस्या यह है कि वे अर्जुनराम मेघवाल को नाराज नहीं करना चाहते हैं। फिलहाल उनका कार्यभार सोमवार को उपायुक्त या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को सौंप दिया जाएगा।

निगम में आयुक्तों का कार्यकाल 2019 से कम रहा है

नगर निगम में आयुक्तों का कार्यकाल 2019 से कम रहा है। मौजूदा महापौर भाजपा से चुनी गई थी और सरकार कांग्रेस की थी, इसलिए अक्सर आयुक्तों से उनकी तनातनी होती थी। तब आयुक्त कांग्रेस सरकार की बात मानते थे। कुछ ही आयुक्त ऐसे रहे हैं, जो बिना तनातनी के यहां से गए हैं। जिनमें आईएएस अभिषेक खन्ना, एएच गौरी जैसे कुछ ही नाम हैं। गोपालराम विरदा और केसरलाल मीना से तनातनी सार्वजनिक हो गई थी। सत्ता परिवर्तन के बाद आए आयुक्त का मेडिकल लीव पर जाना चर्चाओं को जरूर हवा दे रहा है। बताया जा रहा है कि असींजा के मेडिकल लीव पर जाने की खबर विधि मंत्री तक भी पहुंच गई है। वह इस मामले की तह तक जाना चाहता है।