Bundi मुफ्त टैबलेट बांटने में होनहार छात्रों के साथ भेदभाव कर रही सरकार

Bundi मुफ्त टैबलेट बांटने में होनहार छात्रों के साथ भेदभाव कर रही सरकार
 
Bundi मुफ्त टैबलेट बांटने में होनहार छात्रों के साथ भेदभाव कर रही सरकार

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बोर्ड परीक्षा में मेरिट में आकर अव्वल रहने वाले कृषि संकाय के विद्यार्थियों का टेबलेट पाने से मरहूम कर दिया है। यहां तक की उनको जारी कट ऑफ सूची में दर्शाया तक नहीं है। जबकि इसी कक्षा में अन्य विषयों में आने वाले मेरिट विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण को लेकर सरकार ने कट ऑफ तक जारी कर दी है। सरकार के इस फैसले से हजारों विद्यार्थियों के अरमानों में पानी फिर गया है। इस वर्ष प्रदेश में दोनों सत्र के 2021-22 व 2022-23 के कुल 55 हजार 727 विद्यार्थियों टेबलेट मिलना है। जबकि इस योजना के तहत बूंदी जिले के 1287 विद्यार्थी शामिल है। हर साल 12वीं बोर्ड परीक्षा में कृषि संकाय में जुडऩे को लेकर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है। इस साल भी कृषि संकाय में कई विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए है,लेकिन विभाग की ओर से टेबलेट वितरण में कृषि संकाय को शामिल नहीं करने से प्रतिभावान विद्यार्थी निराश है। वहीं शिक्षक संगठनों ने भी कृषि संकाय को योजना का लाभ दिलाने की मांग की है। सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने करीब दो साल से बंद फ्री टेबलेट योजना शुरू की। इस योजना में बोर्ड की सभी कक्षाओं और संकाय के विद्यार्थियों को शामिल कर लिया गया,लेकिन कृषि संकाय को छोड़ दिया।

बकायदा मेरिट के अनुसार चयनित छात्राओं की सूची भी जारी की गई। साथ ही कट ऑफ मार्क्स भी है, लेकिन इसमें कृषि संकाय से 12वीं बोर्ड उत्तीर्ण करके मेरिट में आने वाले एक भी विद्यार्थी को शामिल नहीं किया गया। जबकि योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के बोर्ड की सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को टेबलेट दिया जाना है। इसके लिए बकायदा कट ऑफ मार्क्स की सूची जारी कर स्कूलों में भेज दी गई है।

सिर्फ सूची में दर्शाया

निदेशालय की ओर से जारी सूची में कक्षा आठवीं, दसवीं, 12वीं कला, वाणिज्य, विज्ञान, प्रवेशिका, वरिष्ठ उपाध्याय विषय के विद्यार्थी शामिल है। वर्ष 2020 से प्रदेश में कृषि को अलग से संकाय घोषित किया और हजारों की संया में छात्र-छात्राओं ने इसके तहत बोर्ड परीक्षाएं दी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सरकारी स्कूलों में कुछ साल पहले तक कृषि विज्ञान विषय के रूप में पढ़ा जा रहा था। वर्ष 2020 में पूर्व सरकार ने विज्ञान से हटाकर इसे कृषि संकाय के रूप में घोषित किया। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद राज्य के साढ़े तीन सौ पचास से अधिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित कृषि विज्ञान विषय अब कृषि संकाय के रूप में संचालित है। इसके लिए बकायदा पाठ्यक्रम भी निर्धारित है और 12वीं में बोर्ड परीक्षा भी हो रही है।इस संबंध में निदेशक को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया कि कृषि संकाय को भी योजना का लाभ मिले’।