Chittorgarh आजादी के 77 साल बाद भी राज्य निरक्षरता का दंश झेल रहा

Chittorgarh आजादी के 77 साल बाद भी राज्य निरक्षरता का दंश झेल रहा
 
Chittorgarh आजादी के 77 साल बाद भी राज्य निरक्षरता का दंश झेल रहा

चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ आजादी के 77 साल बाद भी प्रदेश अनपढ़ होने का दंश झेल रहा है। प्रदेश में अब भी लाखों लोग ऐसे हैं जो अपना नाम भी नहीं लिख पाते हैं। वे आज भी अगूंठा ही लगाते हैं। इस दंश को मिटाने के लिए सरकार ने नव साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रदेश जिलों को लक्ष्य देकर साक्षर बनाने का जिमा सौंपा हैं। प्रदेश में 20 लाख लोगों को साक्षर बनाया जाएगा। बड़ी बात यह हैं कि इनमें से 15 लाख महिलाएं शामिल हैं।

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के सरकार ने एक बार फिर लक्ष्य का निर्धारित कर लोगों को साक्षर करने के निर्देश दिए हैं। साक्षर करने के मिले लक्ष्य के बाद जिला अधिकारियों ने भी प्रत्येक पंचायत स्तर पर सर्वे कराकर अनपढ़ लोगों की सूची तैयार कर ली है। अब इन लोगों को साक्षर करने के लिए उसी गांव या उसी क्षेत्र के 10वीं पास वॉलियंटर टीचर (वीटी) को तैयार किया जा रहा है, जो इन लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाएंगे। चित्तौडग़ढ़ जिले में कई में भी सर्वे साथ लोगों को साक्षर करने का कार्य शुरू हो गया है। जिले में करीब 1300 वॉलियंटर तैयार हुए हैं, जो लोगों को साक्षर करेंगे।

वॉलियंटर के सहारे करेंगे साक्षर

सरकार ने अनपढ़ लोगों को साक्षर करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है, इसका जिमा वॉलियंटर टीचर को दिया है। इन्हें इस काम के बदले किसी भी प्रकार मानदेय नहीं दिया जाएगा। पहले सतत शिक्षा अभियान के दौरान प्रेरकों के द्वारा साक्षर किया जाता था, जिनको मानदेय भी दिया जाता है, लेकिन अब वॉलियंटर टीचर को मानदेय नहीं दिया जा रहा है । ऐसे में लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य पूरा करना भी अधिकारियों के सामने चुनौती है।