Chittorgarh मोक्षधाम में रात्रि में पितरों के नाम श्रद्धांजलि व चेतावनी भजन संध्या का आयोजन

Chittorgarh मोक्षधाम में रात्रि में पितरों के नाम श्रद्धांजलि व चेतावनी भजन संध्या का आयोजन
 
Chittorgarh मोक्षधाम में रात्रि में पितरों के नाम श्रद्धांजलि व चेतावनी भजन संध्या का आयोजन

चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ पितृ पक्ष चल रहा है| हम सभी अपने पितरों, पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक अर्पण-तर्पण कर रहे हैं। पितरों के प्रति श्रद्धा से किया यह समर्पण ही श्राद्ध है। चित्तौड़गढ़- मेवाड़वासियों के लिए विशेष विषय है- हुतात्माओं का श्राद्ध..।कुछ दिन पहले चित्तौड़गढ़ गौरव तीर्थ प्रन्यास से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की रचना पेश की। सर्वपितृ अमावस्या पर 2 अक्टूबर सुबह 9 बजे दुर्ग स्थित भीमलत कुंड पर दुर्ग के हुतात्माओं का श्राद्ध। उनके लिए तर्पण, हवन और फिर ब्रह्मभोज। प्रन्यास के ट्रस्टी पुष्कर नराणिया के अनुसार 51-51 लोग जल में खड़े रहकर तर्पण व बाहर हवन करेंगे। यह विचार इसलिए आया कि मेवाड़ ने धरा व धर्म की रक्षा के लिए सदियों तक भीषण संघर्ष सहा। जिसमें अनगिनत लोगों के साथ कई परिवार पूरे ही स्वाहा हो गए। तो फिर इन हुतात्माओं का तर्पण-श्राद्ध कौन करेगा? साका व जौहर करने वाले बलिदानियों को श्रद्धा से कौन याद करेगा? प्रन्यास इनकी शांति के लिए पहले दो बार पिंडदान कर चुका है। इस निमित्त 1008 नारियल हरिद्वार जाकर गंगाजी में प्रवाहित किए। अब पहली बार पितृ पक्ष में इनका श्राद्ध करेंगे ।

पुष्कर नराणिया के अनुसार चित्तौड़ दुर्ग को नए सिरे से प्रकाश में लाने के मकसद से गठित इस प्रन्यास के मुख्य ट्रस्टियों में कुछ प्रमुख इतिहासकार या इसके जानकार भी है। दुर्ग पर सबसे अधिक देवलिया यानी देवरे भीमलत कुंड पर या इसके आसपास दिखते हैं। कई गौत्र, जातियों के सती-पूर्वज बावजी आदि रूप में है। रात जागरण, प्रसादियां आदि यहीं होते हैं। इन सबसे लगता है कि मुगल आक्रांता अकबर के हमले के समय किले का तीसरा शाका यानी जन जौहर यहां हुआ होगा।

शहर का सबसे मुख्य मोक्षधाम भी पहली बार भजन संध्या का गवाह बनेगा। सर्वपितृ अमावस्या पर बुधवार शाम आस्था मित्र मंडल चंदेरिया एवं श्याम रस महोत्सव समिति ने सिटी मोक्षधाम में एक शाम पूर्वजों के नाम श्रद्धांजलि एवं चेतावनी भजन संध्या नाम से कार्यक्रम तय किया। समिति संयोजक अशोक भंडारी ने बताया कि शहर में पहली बार एक नई परिकल्पना के साथ अनूठी भजन संध्या होगी। भजन प्रवाहक दिलीप गवैया जोधपुर, जीतू धोरा रतलाम, अखिलेश ठाकुर निम्बाहेड़ा, महेश टांक निकुंभ द्वारा श्रद्धांजलि एवं चेतावनी भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। राम दरबार व महाकाल को समर्पित दरबार भी सजाया जाएगा। श्रोता श्रद्धालुओं से अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम में एक दीपक घर से लेकर आने की अपील की है ।

संयोजक भंडारी ने कहा कि जो पूर्वज हमें जन्म देते हैं, पालते और सक्षम बनाते हैं। उनकी अंतिम यात्रा यहीं पूरी होती है। उनकी शांति और श्रद्धांजलि के लिए ये सबसे उपयुक्त स्थान है। इसलिए नाम एक शाम पूर्वजों के नाम श्रद्धांजलि और चेतावनी भजन संध्या रखा। वहीं महिलाओं के मोक्षधाम में आने की बात पर कहा कि स्त्रियां जिस पवित्रता से मन्दिर या किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में जा सकती है। वैसे ही मोक्षधाम में भी आ सकती हैं। उन्होंने भजन संध्या में महिला, पुरुषों को भाग लेने के लिए कहा।