Chittorgarh 50 साल से खस्ताहाल रावतभाटा-गांधीसागर मार्ग बनने का रास्ता साफ

Chittorgarh 50 साल से खस्ताहाल रावतभाटा-गांधीसागर मार्ग बनने का रास्ता साफ
 
Chittorgarh 50 साल से खस्ताहाल रावतभाटा-गांधीसागर मार्ग बनने का रास्ता साफ
चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़दो राज्यों को जोड़ने वाली रावतभाटा-गांधीसागर सड़क के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 4243 पेड़ों को काटने और सड़क के लिए 35.0232 हेक्टेयर वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग को मंजूरी दे दी है। पेड़ों को काटने और वन विभाग की भूमि को विकसित करने के लिए लोक निर्माण विभाग को राशि जमा करानी होगी। इसके बाद सड़क निर्माण आसान हो जाएगा। विधायक डॉ. सुरेश धाकड़ ने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के निर्देशानुसार सरकार से अतिरिक्त बजट स्वीकृत करवाकर जल्द ही राशि जमा करवा दी जाएगी। इससे गांधीसागर सड़क का निर्माण आसान हो जाएगा। विधायक डॉ. धाकड़ और सांसद सीपी जोशी के प्रयासों से यह स्वीकृति मिली है। रावतभाटा-गांधीसागर की दूरी 50 किमी है। इसमें करीब 32 किमी सड़क का निर्माण होना है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने कई शर्तों के साथ स्वीकृति दी है। इन शर्तों की पालना सार्वजनिक निर्माण विभाग को करनी होगी। राजस्थान सरकार के वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) को नियमों की पालना के निर्देश दिए गए। 5 जुलाई के इस आदेश में बताया गया कि इसके लिए 27 जून को बैठक आयोजित की गई। इसमें इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है। 60 करोड़ की इस सड़क के लिए 42 करोड़ के टेंडर का आदेश जारी हो चुका है। इसमें 7 मीटर चौड़ी सड़क बनेगी। करीब 12 करोड़ की राशि वन विभाग को जमा करानी होगी। वन अधिकारी नरेंद्र बिश्नोई ने बताया कि अभी डिमांड नहीं की गई है। अगले दो-तीन दिन में डिमांड दे दी जाएगी। इसके बाद ही पता चलेगा कि कुल कितनी राशि आ रही है। इसमें प्रत्येक पेड़ की कीमत तय होगी। प्रतिपूरक वनरोपण बढ़ाने और उसके रखरखाव की लागत उपयोगकर्ता एजेंसी वर्तमान मजदूरी दर पर राज्य वन विभाग को हस्तांतरित करेगी। इस योजना में आगामी वर्षों के लिए निर्धारित कार्यों के लिए अनुमानित लागत वृद्धि के लिए उचित प्रावधान शामिल हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस प्रस्ताव के तहत उपयोग की गई वन भूमि का शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) उपयोगकर्ता एजेंसी से वसूला जाएगा।

यह सड़क पिछले 50 वर्षों में कभी नहीं बनी। वन विभाग के नियमों का पालन करते हुए सड़क बनाना आसान नहीं है, लेकिन हम इस सड़क का निर्माण करेंगे। बजट में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था भी की जाएगी और जल्द ही अंतिम मंजूरी ली जाएगी। इसके लिए सांसद सीपी जोशी, वन मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष का भी सहयोग लिया जा रहा है। -डॉ. सुरेश धाकड़, विधायकपशु संरक्षण: 500 मीटर पर बनेंगे अंडरपास सड़क निर्माण में सबसे अहम शर्त वन्य जीवों की सुरक्षा है। वन्य जीवों के सुगम आवागमन के लिए लोक निर्माण विभाग सड़क के किनारे वन भूमि में प्रत्येक 500 मीटर पर 4 मीटर ऊंचाई व 5 मीटर चौड़ाई का अंडरपास अपने खर्चे पर बनाएगा। अंडरपास के निर्माण की गाइडलाइन का भी ध्यान रखा जाए। वन विभाग द्वारा 40.30 हेक्टेयर भूमि पर क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण किया जाएगा।