Chittorgarh महिलाओं से ठगी करने वालों को पुलिस ने पकड़ा, 3 गिरफ्तार
चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, हाल ही में पुलिस ने महिलाओं से ठगी व चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 14 जून को शहर के जिला अस्पताल के बाहर एक महिला से ठगी कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने महिला के चोरी हुए सोने के आभूषण बरामद कर लिए हैं। आरोपियों ने राजस्थान के जयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ व उत्तराखंड में सात वारदातें करना कबूल किया है। मामला सदर थाना क्षेत्र का है। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि पारसोली थाने के डेकड़ीखेड़ा निवासी ललिता पत्नी लादूलाल मीना ने सदर चित्तौड़गढ़ थाने में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू की गई। थानाधिकारी सदर गजेंद्र सिंह के साथ साइबर सेल व थाने की टीम गठित की गई। गठित टीम ने तकनीकी जांच कर वारदात स्थल का निरीक्षण किया।
तकनीकी साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज देखकर आरोपियों को नामजद किया गया। गठित टीम ने लगातार उनका पीछा किया और दिल्ली, गुड़गांव, नसीराबाद, अजमेर में उनके ठिकानों पर दबिश दी। पुलिस ने भेष बदलकर उनके संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपी अपना ठिकाना बदलते रहे। आरोपी पंजाब भागने की फिराक में गुड़गांव रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां चित्तौड़गढ़ पुलिस की टीम ने स्टेशन के पास आरोपियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ की तो आरोपियों ने वारदात करना कबूल कर लिया। जिसके बाद विनोद (20) पुत्र प्रेमचंद बावरी निवासी लोहार मोहल्ला, नसीराबाद, जिला अजमेर, दीपाली उर्फ दीपा बावरी पत्नी विनोद बावरी निवासी रघुवीर नगर टैगोर गार्डन, पश्चिमी दिल्ली और राधा उर्फ राधी बावरी पत्नी मोती लाल बावरी को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से रामनामी, मादलिया, मंगलसूत्र, कान के टॉप्स और 4 सोने के मोती बरामद किए गए। एक दिन पहले ही शहर में पहुंच जाते हैं और बुजुर्ग महिलाओं को बनाते हैं निशाना पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जहां भी वारदात करते हैं, उस शहर में एक दिन पहले ही पहुंच जाते हैं। ये गेस्ट हाउस में कमरा किराए पर लेकर रहती हैं। इसके बाद ये महिलाएं अस्पताल की रेकी करती हैं, ताकि बुजुर्ग महिलाओं को आसानी से निशाना बनाया जा सके। वहां जाकर ये अपने साथ कागज के टुकड़ों की गड्डी रखती हैं, जिसमें ऊपर और नीचे 500 रुपए के असली नोट रखती हैं। बुजुर्ग महिलाओं को पैसों का लालच देकर उनसे उनके जेवर दूसरे बैग में रखवाती हैं और पैसों की गड्डी महिला के पास रखकर उसका विश्वास जीत लेती हैं। जिस बैग में जेवर रखे होते हैं, उसी तरह का दूसरा बैग थमा देती हैं और कहती हैं कि इस बैग में पैसे और आपके जेवर हैं। इसी बीच ये दूसरा बैग थमा देती हैं और महिला के जेवर वाला बैग बदलकर भाग जाती हैं।
ये था मामला
रिपोर्ट में बताया गया है कि 14 जून को वह अपने पिता और मां के साथ श्री सांवलिया जी अस्पताल में इलाज के लिए आई थी। वह डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा लेने के लिए अस्पताल के बाहर मेडिकल शॉप पर जा रही थी, तभी अस्पताल के बाहर दो लड़कियां खड़ी थीं। दोनों ने उससे कहा कि उनके साथ जो लड़की है, वह घर से भाग गई है और उसके पास काफी पैसे हैं। उसके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है, इसलिए उसे बस में बैठाने में मदद करो। ललिता उनकी बातों में आ गई और लड़की को बस में बैठाने के लिए अस्पताल के बाहर उनके साथ आ गई। जहां दोनों लड़कियां उसे बातों में लगाकर गली में एक लड़के के पास ले गईं। वहां उन्होंने उससे कहा कि उसके पास जो पैसे हैं, वे चोरी हो गए हैं, इसे ले लो और जो आभूषण पहने हुए थे, उन्हें उतारकर रूमाल में रख लो, ताकि उसे विश्वास हो जाए कि उसके पास पैसों के बदले आभूषण हैं। ललिता ने अपने पहने हुए आभूषण रामनामी, मादलिया, मंगलसूत्र, कान के टॉप्स और 4 सोने के मोती उतारकर रूमाल में रख लिए। उसके बाद लड़की ने उसे एक रूमाल दिया और कहा कि इसमें पैसे हैं, इसे अपने पास रखो। फिर उसने कहा कि वह लड़की को बस में बैठाकर आ रही है, यह कहकर वे चले गए। उसने काफी देर तक इंतजार किया लेकिन जब वह वापस नहीं आया, तो उसने रूमाल खोला तो उसमें कोरे कागज भरे हुए थे। उन्होंने उसे बातों में उलझा लिया और उसके साथ धोखाधड़ी कर उसके आभूषण चुरा लिए।