Churu पशु अब साल भर खा सकेंगे हरा चारा, उगा दी नेपियर घास

Churu पशु अब साल भर खा सकेंगे हरा चारा, उगा दी नेपियर घास
 
Churu पशु अब साल भर खा सकेंगे हरा चारा, उगा दी नेपियर घास
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू साहवा सर्दी, गर्मी हो या बरसात। यहां पशुओं को बारहमास हरा चारा मिलेगा। यह चारा ना केवल उनका पेट भरेगा। वहीं पोष्टिकता से भी भरपूर होगा। यह संभव हो पाया है बारहमासी नेपियर घास की खेती से। जिसे चूरू के साहवा की श्रीकृष्ण गौसेवा समिति की ओर से उगाया गया है। यह पहल जिले की अन्य गौशालाओं के लिए भी मार्गदर्शक बन सकती है। नैपियर घास जो हर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बना सकती है। वहीं पशुओं को वर्षभर हरा चारा मिलेगा। दो माह में विकसित होने वाली यह घास पांस से सात वर्ष तक पशुओं को हरा चारा उपलब्ध करवाती है। नेपियर हरा पौष्टिक और स्वादिष्ट चारा होता है तो इसमें कच्ची प्रोटीन की मात्रा 8-11 प्रतिशत और रेशे की मात्रा 30.5 प्रतिशत होती। इसलिए इसे सदाबहार चारा भी कहा जा सकता है।

साहवा की गौशाला में लहलहा रही है यह घास

साहवा की श्रीकृष्ण गौ सेवा समिति के चारागाह में गौशालाओं के लिए लगाई गई यह घास अब लहलहाने लगी है। वहीं गौवंश की पहली पसंद बन गई हैं । गौशाला संचालकों को भी अन्य हरे चारे से कम लागत में तैयार होने वाली नैपियर घास उपलब्ध होने लगी है। गौशाला के चारागाह में करीब 2 वर्ष पहले 2 बीघा जमीन से शुरू किए गए इस हरे चारे के प्लांटेशन की गुणवत्ता और उपयोगिता को जाना तो गत 2 वर्षों में प्लांटेशन का क्षेत्र बढाकर 7 बीघा कर दिया। गौशाला व्यवस्थापकों की माने तो इस वर्षा के सीजन में करीब 6 बीघा जमीन पर दूसरा प्लांटेशन तैयार दिया गया है, जिसमें नेपियर घास की बीज रूपी डंठल पौध को लगाई जाएगी। इस प्लांटेशन के बाद गौशाला चारागाह की कुल 13 बीघा जमीन पर इस सुपर नेपियर घास की पैदावार शुरू हो जायेगी। जो गौशाला की गायों के चारे के लिए उपयोग किया जायेगा। गौशाला का आगामी 5-6 सालों में इसे बढाकर सौ बीघा करने का विचार है, ताकि गौशाला की सभी गायों को हर समय हरा चारा खिलाया जा सके और गौशाला की खपत से अधिक उपज होने पर बचे हुए हरे चारे की बिक्री कर गौशाला की आय बढाई जा सके।

2 से खेती 100 बीघा तक ले जाने की योजना

श्री कृष्ण गौ सेवा समिति साहवा के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि करीब ढाई वर्ष पहले वे ऐलानाबाद गए तो वहा एक किसान ने इस नेपियर घास के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने गौशाला के चारागाह में लगाने का निर्णय किया। समिति के निर्णय अनुसार पहले मात्र 2 बीघा में प्रयोग के तौर पर लगाया। दानदाताओं के सहयोग से प्लांटेशन करवाया। जयपुर प्रवासी नोहर निवासी समाजसेविका मंजू, ब्रह्मानंद अग्रवाल, साहवा के गंगानगर प्रवासी सुरेन्द्र अग्रवाल की बेटी विनष गुप्ता, बीकानेर प्रवासी श्यामसुन्दर अग्रवाल व उषा अग्रवाल बीकानेर ने सहयोग किया तो नेपियर की दो रुपए प्रति पौध के हिसाब से 10 हजार पौध खरीद कर 2 बीघा में लगाई। ज्यों-ज्यों प्लांटेशन विकसित हुए त्यों-त्यों पौध लगाने का क्रम जारी रहा और आज गोशाला के पशुओं के लिए हरा चार उपलब्ध होने लगा।