भील प्रदेश में 9वीं कक्षा की किताब ने मचाया बवाल, भजनलाल सरकार ने उठाया ये कदम

भील प्रदेश में 9वीं कक्षा की किताब ने मचाया बवाल, भजनलाल सरकार ने उठाया ये कदम
 
भील प्रदेश में 9वीं कक्षा की किताब ने मचाया बवाल, भजनलाल सरकार ने उठाया ये कदम

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, दक्षिणी राजस्थान में भील प्रदेश बनाने की मांग के मुद़्दे पर भारत आदिवासी पार्टी और बीजेपी आमने सामने है. इसी बीच कक्षा नौ की एक किताब में गोविन्द गुरु की ओर से भील प्रदेश की मांग का मामला पढ़ाया जाना विवाद में आ गया. उसके बाद इस पर बवाल मच गया. उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत के विरोध के बाद सरकार ने इस बिंदु को हटाने का आदेश जारी कर दिया है. भारत आदिवासी पार्टी ने भील प्रदेश की मांग को अपना प्रमुख एजेंडा बना रखा है. राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल जयपुर की ओर से कक्षा 9 के लिये प्रकाशित पुस्तक ‘राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परंपरा’ में अध्याय चार में पढ़ाया जाने वाला एक तथ्य विवादों में आ गया है. अध्याय चार के पृष्ठ संख्या 42 पर पढ़ाये जाने वाले तथ्य का विरोध शुरू हुआ तो उदयपुर से सांसद मन्नालाल रावत ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उसे हटाने की मांग की. मन्नालाल रावत की मांग को मानते हुए राज्य सरकार ने इसे हटाने के आदेश जारी कर दिये हैं.

यह लिखा है किताब में

कक्षा 9 की पुस्तक ‘राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परंपरा’ के अध्याय 4 में पृष्ठ संख्या 42 पर लिखा है कि ‘सामंती और औपनिवेशिक सत्ता की ओर से उत्पीड़क व्यवहार ने गोविंद गुरु और उनके शिष्यों को सामंती तथा औपनिवेशिक दासता से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भील राज्य की स्थापना की योजना बनाने की ओर प्रेरित किया.’

सांसद मन्नालाल ने दिया ये तर्क

सांसद मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी. उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम में संशोधन के आदेश दिये हैं. सांसद का कहना हैं कि जो तथ्य पुस्तक में पढ़ाये जा रहे हैं वे वास्तविकता से परे हैं. क्योंकि गोविन्द गुरु ने संप सभा का गठन अहिंसक तरीके से किया था. उनके आंदोलन का उद्देश्य राष्ट्रीय चेतना जागृत करना था. उस दौर में अंग्रेजों ने गोविंद गुरु पर राजद्रोह का फर्जी मुकदमा दर्ज करने के लिये भीलराज स्थापना की टिप्पणी जबरन लिखवाई थी. उसे अब संशोधित करने की जरुरत है.

बीजेपी और बाप इसलिए हो रखी हैं आमने-सामने

दरअसल भील प्रदेश की मांग को लेकर भारत आदिवासी पार्टी अपना एजेंडा तय किये हुए है. वह युवाओं को इसी मुद्दे के साथ अपनी पार्टी से भी जोड़ रही है. ये लोग स्वयं को हिंदू मानने से भी इनकार कर रहे हैं. यही वजह है कि बीजेपी से जुड़े कई नेता बाप पार्टी के राजकुमार रोत और उनके सहयोगियों की मानसिकता को देश तोड़ने वाली मानसिकता बताकर विरोध दर्ज करा रहे हैं.