कांग्रेस तीन चुनावों से सत्ता में, क्या BJP हार का सिलसिला तोड़ पाएगी?

कांग्रेस तीन चुनावों से सत्ता में, क्या BJP हार का सिलसिला तोड़ पाएगी?
 
कांग्रेस तीन चुनावों से सत्ता में, क्या BJP हार का सिलसिला तोड़ पाएगी?
अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उप चुनाव का बिगुल बजने वाला है। संभवत: अक्टूबर में आचार-संहिता लग जाएगी और नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी है। अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी उप चुनाव होगा। जुबेर खान के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस का कब्जा है। वर्ष 2013 में हुए चुनाव कांग्रेस के जुबेर खान ने यहां जीत दर्ज की थी। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण चौधरी के निधन के बाद यहां उप चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस की सफिया जुबेर ने जीत दर्ज की थी। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जुबेर खान यहां से जीते थे। जीत का अंतर भी ठीक रहा था। ऐसे में चर्चाएं अभी से ये है कि भाजपा की राह अीसी आसान नहीं हो सकती है।

जुबेर के परिवारजन को मिल सकता है टिकट

उप चुनाव में सहानुभूति हावी नजर आई है। कांग्रेस पार्टी जुबेर खान के परिवार के किसी सदस्य को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतरेगी। भाजपा भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। यही वजह है कि पार्टी ने यहां टिकट चयन के लिए माथापच्ची शुरू कर दी है। स्थानीय स्तर के अलावा पार्टी प्रदेश स्तर पर भी पार्टी यहां सर्वे करवा रही है। ताकि उपयुक्त प्रत्याशी मैदान में उतारकर पार्टी को जीत दिलाई जा सके।

भाजपा में टिकट चयन आसान नहीं

भाजपा के लिए इस सीट पर सबसे बड़ी टास्क टिकट चयन है। जय आहूजा और सुखवंत सिंह के अलावा अलवर शहर से दो बार विधायक रह चुके बनवारी लाल सिंघल भी यहां से दावा ठोक रहे हैं। सुखवंत 2023 के चुनाव में भाजपा से बागी होकर आजाद समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे। लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा में री-एंट्री की की थी। वहीं जय आहूजा भी क्षेत्र में सक्रियता के आधार पर खुद को मजबूत बता रहे हैं।अलवर रामगढ़ उपचुनाव को लेकर प्रशासन ने रविवार को प्रताप ऑडिटोरियम में सेक्टर ऑफिसर, जिला स्तरीय रिजर्व एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी को प्रशिक्षण दिया। एडीएम द्वितीय योगेश डागुर व प्रशिक्षण प्रभारी सीईओ जिला परिषद आरएस चौहान ने प्रतिभागी अधिकारियों से कहा कि विधानसभा उप चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से कराने हैं। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का कडाई से पालना किया जाए। मास्टर ट्रेनर प्रदीप पंचौली ने भी कई जानकारियां दीं।