उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस में तेज हुई तकरार, बैठक में भारी हंगामा

उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस में तेज हुई तकरार, बैठक में भारी हंगामा
 
उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस में तेज हुई तकरार, बैठक में भारी हंगामा

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान कांग्रेस में रार तेज हो चली है. विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को जैसी हार मिली, उससे पार्टी में अब बदलाव की चर्चाएं चल रही है. इस बीच मंगलवार को कोटा में कांग्रेस कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ. शहर जिला कांग्रेस के पार्टी कार्यालय में भारतीय संविधान दिवस पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई, तभी कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल के समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा-लोकसभा चुनाव में भीतरघात और पार्टी प्रत्याशियों की हार का जिक्र किया. इस दौरान कहा गया कि पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना तीन-तीन मंत्री थे, फिर भी पार्टी प्रत्याशी हार गए.इतना सुनने के साथ ही शांति धारीवाल के समर्थक प्रहलाद गुंजल के समर्थकों में तीखी बहस होते होते धक्का-मुक्की तक पहुँच गई. दोनों कांग्रेस नेताओं के समर्थक कार्यकर्ताओं को दूर-दूर करना पड़ा. दोनों में लात-घुसे तक की नौबत आ गई थी. हंगामा बढ़ता देख वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को शांत करवाया लेकिन काफी देर तक समर्थक एक दूसरे से जोर-जोर से बहस बाजी और लड़ने पर उतारू नजर आए

गुंजल समर्थक कार्यकर्ता आसिफ मिर्जा बोल रहे थे तभी हुआ हंगामा

संविधान दिवस के अवसर पर आज गुमानपुरा स्थित कांग्रेस कार्यालय में बैठक और विचार गोष्ठी का आयोजन रखा गया था बातचीत हाथापाई तक पहुंच पहुंच गई. लेकिन शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने कार्यकर्ताओं को बीच बचाव करते हुए शांत करवाया. काफी देर तक गहमागहमी के हालात बने रहे थे. 

संविधान पर बोलते-बोलते भीरतघात पर बोलने लगे नेता

बैठक में लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भितरघात का मामला उठने से दोनों नेताओं के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए थे. इसमें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं पर भी आरोप लगाए गए. कांग्रेस के विज्ञान नगर इलाके के कार्यकर्ता आसिफ मिर्जा संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बोल रहे थे. तभी बोलते-बोलते उन्होंने भीतरघात का मुद्दा उठा दीया.

धारीवाल का नाम आते ही हंगामा शुरू

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल, विधानसभा चुनाव में राखी गौतम और पहले शिवकांत नन्दवाना की हार के लिए कौन जिम्मेदार रहा है?  हाड़ौती से विधानसभा चुनाव में तीन-तीन मंत्री थे. इस दौरान आसिफ मिर्जा ने प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना व शांति धारीवाल का नाम लिया. जैसे ही शांति धारीवाल का नाम लिया, उनके गुट के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया.


यहां तक घंटाघर इलाके के कांग्रेस कार्यकर्ता आबिद कुरैशी ने खड़े होकर आपत्ति कर दी और उन्होंने हंगामा शुरू कर दीया.  एक-दूसरे से भिड़ने पर उतारू हो गए. विचार गोष्ठी में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने बीच बचाव किया और केवल संविधान के मुद्दे पर ही बातचीत के लिए चेतावनी दी गई. 

बैठक में गुंजल, राखी गौतम सहित कई बड़े नेता थे मौजूद

इस दौरान बैठक में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राखी गौतम, जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी, लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू और शिवकांत नंदवाना सहित कई नेता मौजूद थे. इधर, शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की हार के संबंध में मैंने और प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने प्रदेश अध्यक्ष और आला नेताओं को अवगत कराया है. लोकसभा चुनाव में जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी उन गद्दारों की कांग्रेस में कोई जरूरत नहीं है.