Bikaner में डेंगू का प्रकोप जारी, एक साल में 912 पॉजिटिव

Bikaner में डेंगू का प्रकोप जारी, एक साल में 912 पॉजिटिव
 
Bikaner में डेंगू का प्रकोप जारी, एक साल में 912 पॉजिटिव

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को मेडिकल कॉलेज से मिली रिपोर्ट के अनुसार, 12 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं। बुधवार को सामने आए 12 नए मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है। हालांकि, पिछले 27 दिनों में 6182 लोगों की जांच में केवल 123 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे पॉजिटिविटी रेट 2% रही है।हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार बीकानेर में जनवरी से अब तक कुल 912 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। दूसरी ओर, मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम और निमोनिया के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है, खासकर बच्चों में। पीबीएम के बच्चा अस्पताल में रोजाना 400 से 450 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। सेवानिवृत्त डॉक्टर जीएस सेंगर के अनुसार, वर्तमान में वायरल फीवर के मामले अधिक हैं।

हालांकि, यह घातक नहीं है और दवाओं के सेवन से कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। बच्चा हॉस्पिटल में प्रतिदिन 400 से 450 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। रिटायर्ड डॉक्टर जीएस संगर ने बताया कि वायरल फीवर इन दिनों बच्चों में तेजी से फैल रहा है। इसमें बुखार के साथ शरीर पर दाने भी निकल रहे हैं। हालांकि, यह गंभीर स्थिति नहीं है, और सही इलाज के बाद बच्चे तीन से चार दिन में ठीक हो जाते हैं।चिंता की बात यह है कि डेंगू मरीज शहर के साथ-साथ गांवों में भी मिल रहे हैं। हालांकि हेल्थ डिपार्टमेंट जगह-जगह मच्छर रोधी गतिविधि करने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में वह दिख नहीं रहा। गांवों में स्वच्छता की कमी के कारण मच्छरों को प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण मिल जाता है। गांवों में अक्सर कूड़ा-कचरा और गंदा पानी जमा होता है, जो मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बनता है। गांवों में अक्सर लोग डेंगू और अन्य मच्छर- जनित बीमारियों के बारे में जागरूक नहीं होते हैं।

परिजनों को रखनी चाहिए जरूरी सावधानियां

संक्रमण से बचाव: वायरल बुखार वाले बच्चों को स्कूल या भीड़भाड़ वाली जगहों पर तब तक न भेजें, जब तक वह पूरी तरह स्वस्थ न हो जाएं।
साफ-सफाई पर ध्यान: बच्चों को साफ पानी पिलाएं और उनके खाने-पीने की चीजों को कवर रखें।
हाइजीन का ध्यान रखें: बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
डॉक्टर से सलाह लें: किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से दवाइयां न दें।
बुखार की स्थिति में: बच्चों को आराम दें और उन्हें तरल पदार्थ जैसे सूप, नारियल पानी और ओआरएस का सेवन कराएं।
डेंगू और मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय

1. मच्छरों से बचाव करें: घर और आसपास पानी जमा न होने दें। मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले स्प्रे या क्रीम का इस्तेमाल करें।

2. शारीरिक साफ-सफाई रखें: बच्चों और परिवार के सदस्यों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें।

3. संतुलित आहार दें: बच्चों को पौष्टिक भोजन और विटामिन सी युक्त फल खाने के लिए दें।

4. तेज बुखार में सतर्कता: बुखार 3 दिन से ज्यादा रहे या शरीर पर दाने हों तो डॉक्टर से संपर्क करें।

5. जांच और इलाज में देरी न करें: लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का पालन करें।

पीबीएम के बच्चा हॉस्पिटल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति बनी चुनौती

बच्चा हॉस्पिटल में मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों के बावजूद सीनियर डॉक्टर ओपीडी में मौजूद नहीं रहते। यह स्थिति न केवल मरीजों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि ओपीडी में तैनात सीनियर रेजीडेंट्स और रेजीडेंट्स डॉक्टरों पर अतिरिक्त दबाव बना रही है। चिंताजनक बात यह है कि सीनियर डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के बावजूद अस्पताल प्रशासन उनकी जिम्मेदारी तय करने या कोई ठोस कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहा है। यही स्थिति 16 नंबर मेडिसिन ओपीडी की है, वहां भी सीनियर डॉक्टर नियमित रूप से अपनी ड्यूटी नहीं निभा रहे।