राजस्थान के इस जिले में कलेक्ट्रेट के बाहर दिव्यांगों का विरोध प्रदर्शन, सुनवाई नहीं हुई तो बड़ा कदम उठाने की चेतावनी

भरतपुर न्यूज़ डेस्क - दिव्यांगजन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर भरतपुर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे रहे हैं। दिव्यांगजन 2 मार्च से धरने पर बैठे हैं। आरोप है कि अभी तक प्रशासन और सरकार की ओर से कोई भी दिव्यांगजनों से बात करने नहीं पहुंचा है। अब दिव्यांगजन आंदोलन को और तेज करने की धमकी दे रहे हैं। दिव्यांगजनों का कहना है कि सरकार ने बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ दिया है, लेकिन दिव्यांगजन वर्ग का बजट में ख्याल नहीं रखा गया है।
दिव्यांगजन जन सहयोग समिति के अध्यक्ष हर गोविंद यादव ने बताया कि हम सभी दिव्यांगजन 2 मार्च से कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे हैं। यह हमारा अनिश्चितकालीन धरना है। दिव्यांगजनों की 11 सूत्रीय मांगें हैं। हमारी मुख्य मांगें हैं कि सरकार 2016 के एक्ट को धरातल पर लागू करे। जिस तरह से अन्य राज्यों में दिव्यांगजनों को पेंशन दी जाती है। उसी तरह से राज्य में भी दिव्यांगजनों को पेंशन दी जाए। पिछले 6 महीने से दिव्यांगजनों की पेंशन नहीं आ रही है। पेंशन को लेकर जब भी अधिकारियों से मिलते हैं तो वे एक ही जवाब देते हैं।
पेंशन बिल बनाकर भेज दिया गया है। पेंशन जल्द ही आ जाएगी। सभी दिव्यांगों को स्कूटी वितरित की जाए। दिव्यांग पालनहार योजना से जुड़े लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इस तरह दिव्यांगों की 11 सूत्रीय मांगें हैं। जब से हमने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना शुरू किया है, तब से कोई भी अधिकारी या सरकार का कोई भी व्यक्ति हमारी बात सुनने नहीं आया है। इसलिए अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा।