Dungarpur सेवाएं दांव पर, मानदेय का भी इंतजार

Dungarpur सेवाएं दांव पर, मानदेय का भी इंतजार
 
Dungarpur सेवाएं दांव पर, मानदेय का भी इंतजार
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर    प्रदेश के छात्र-छात्राओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने के ध्येय से राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित व्यावसायिक शिक्षा एक बार फिर वेंटीलेटर पर लेट गई है। सरकार की ओर से नया अनुबंध समय पर नहीं करने तथा पुराने अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाने से प्रदेश के 132 विद्यालयों में कार्यरत करीब 264 व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाएं 30 जून को खत्म हो गई हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि यह आंकड़ा 700 से अधिक का है।

यह है मामला

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के माध्यम से प्रदेश के राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न टे्रड यथा बैकिंग, आईटी, ब्यूटी एंड वेलेनेस, हेल्थ-केयर, रिटेल, फूड प्रोसेसिंग आदि संचालित हो रही हैं। इनमें दक्ष युवाओं बरसों से सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, सरकार हर दो या तीन वर्ष में विभिन्न सेवा प्रदाताओं कम्पनियों के माध्यम से प्रशिक्षकों का पदस्थापन करती है। ऐसे में इन कम्पनियों का सरकार के स्तर पर 30 जून को अनुबंध खत्म हो गया है। इसके साथ ही कम्पनियों ने सोशल मीडिया के गु्रपों में व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया है। उनसे कहा गया है कि अनुबंध आगे बढ़ता है, तो वापस बुलाया जाएगा।

10 माह से बकाया

व्यावसायिक प्रशिक्षक बताते है कि विभिन्न कम्पनियों के माध्यम से लगे कार्मिकों को समय-समय पर मानदेय मिल रहा है। पर, समसा द्वारा अनुबंधित आईआईएसडी फर्म अंतर्गत कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों को दस माह से मानदेय नहीं मिला है।व्यावसायिक प्रशिक्षक कंपनी में पूछताछ करते हैं, तो असल तो फोन ही नहीं उठाते हैं और फोन उठाते हैं, तो कहा जाता है कि आप समसा कार्यालय में पता करें। वहीं, कार्मिक समसा कार्यालय जाते हैं, तो यहां कहां जाता है कि हमारे पास कोई फाइल शेष नहीं है। आपका पदस्थापन कंपनी ने किया, तो उनसे संपर्क करें।ऐसे में कार्मिक लंबे समय से दो पाटों में पीस रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सेवा समाप्ति के आदेश ने सैकड़ों कार्मिकों को चिंता की भंवर में उलझा दिया है।