Dungarpur पानी की हर बूंद कीमती... लेकिन हम बिल चुकाने से बचते

Dungarpur पानी की हर बूंद कीमती... लेकिन हम बिल चुकाने से बचते
 
Dungarpur पानी की हर बूंद कीमती... लेकिन हम बिल चुकाने से बचते
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, डूंगरपुर पानी की बूंद-बूंद कीमती है। पर, लोग पानी का मोल चुकाने में भी परहेज कर रहे हैं। हालात ये है कि अकेले डूंगरपुर शहर के मथे पानी के बिल मद में सवा दो करोड़ की बाकियात चढ़ी हुई है। कई उपभोक्ताओं ने दो-दो नल कनेक्शन ले रखे हैं। इसके बावजूद दस-दस सालों से पानी का बिल ही जमा नहीं करवाया है। मुफ्त का पानी पीने में सरकारी महकमे और आला अफसर भी कम नहीं है। हालात ये है कि कई सरकारी दफ्तरों की रिकवरी 50 हजार रुपए से अधिक है। रिकवरी और कनेक्शन काटने के लिए जलदाय विभाग के फीटर-लाइनमैन आदि जा भी रहे हैं, तो उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है। ऐसे में हर माह बाकियात का बिल बढ़ रहा है।

यहां बाकियात अधिक

शहर में यूं तो अमूमन हर कॉलोनी में बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ता हैं। पर, शहर की कई कॉलोनी में बिल जमा नहीं करवाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या काफी अधिक है। इसमें बांसरवाड़ा, घाटी, पातेला, गोकुलपुरा, हाउसिंग बोर्ड, न्यू कॉलोनी, जय हिंद नगर, शिवाजी नगर, प्रतापनगर, फतेहपुरा, राजपुर, शास्त्री कॉलोनी, नवाडेरा आदि हैं। यहां कई उपभोक्ताओं का बिल दस-दस हजार रुपए से भी अधिक का है। पर, वह बिल जमा ही नहीं करवा रहे हैं।

सरकारी क्वार्टरों का बढ़ा कर्जा

जलदाय विभाग की बाकियात की सूची में सबसे अधिक बाकियात पीडब्ल्यूडी के क्वार्टरों की हैं। कई क्वार्टरों की बाकियात 25 से 30 हजार रुपए से अधिक हैं। इसके पीछे कारण तबादले होते ही अधिकारियों के बिना एनओसी लिए ही क्वार्टर खाली कर अन्यत्र जिलों में चले जाना है। जलदाय विभाग की बाकियात की सूची में करीब 300 से अधिक बकायदार सरकारी क्वार्टर ही है। इसके बाद दूसरा नंबर हाउसिंग बोर्ड के मकान हैं, जिनमें मालिक बदलने के साथ ही पुराना बिल छू-मंतर हो रहा है।

अब चलाएंगे अभियान

शहर में उपभोक्ताओं की बाकियात काफी अधिक बढ़ गई है। कई बार आग्रह करने के बावजूद कुछ महकमे एवं उपभोक्ता बिल ही जमा नहीं करवा रहे हैं। पर, अब दिसंबर माह में अभियान चलाते हुए बकाया बिल वाले उपभोक्ताओं के नल कनेक्शन स्थायी रुप से काट दिए जाएंगे। इसके लिए मोहल्लेवार सूचियां बनाने में टीम जुट गई है।