Kota बढ़ रहे फर्जी डिग्री प्रकरण, निजी विवि नहीं कर रहे पीएचडी रेगुलेशन की पालना
कोटा न्यूज़ डेस्क , कोटा राज्य में निजी विश्वविद्यालयों में पंजीकृत हजारों शोधकर्ताओं का भविष्य दांव पर है। ज्यादातर निजी विश्वविद्यालय यूजीसी के निर्धारित पीएचडी रेगुलेशन-2022 की पालना नहीं कर रहे। शोधार्थी से मोटी रकम तो वसूली जाती है, लेकिन शोध गुणवत्ता व उनको मिलने वाली सुविधाएं नहीं दी जा रही। इसी के चलते पिछले दिनों यूजीसी ने राजस्थान के कुछ निजी विवि में पीएचडी की फर्जी डिग्री बांटने का भंडाफोड़ किया था।उसके बाद यूजीसी के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. अनमोल एम आंध्र ने हाल ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को फर्जी डिग्री रोकथाम के लिए एक सर्कुलर जारी किया है। इसके बाद कुछ निजी विश्वविद्यालय हरकत में आए और उन्होंने अपनी वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करना शुरू कर दिया, लेकिन कई निजी विश्वविद्यालयों के पोर्टल अब तक नहीं बने हैं। जिनके बने हैं, वह भी अपडेट नहीं हैं। राजस्थान में कुल 53 निजी विश्वविद्यालय हैं। इनमें से सिर्फ 4 विवि को 12 बी का दर्जा प्राप्त है।
पीएचडी ये हैं नियम
शोधार्थी का चयन प्रवेश परीक्षा या रिसर्च कमेटी के समक्ष साक्षात्कार के माध्यम से हुआ हो।
शोधार्थी से 6 महीने का नियमित रिसर्च कोर्स वर्क एवं परीक्षा करवाना अनिवार्य है।
विभाग की रेगुलर नियमित फैकल्टी ही रिसर्च सुपरवाइजर बन सकती है। सेवानिवृत्त व्यक्ति सुपरवाइजर नहीं बन सकता।
नियमित फैकल्टी को यूजीसी पे मैट्रिक्स अनुरूप सहायक आचार्य को 15600-39100 न्यूनतम एंट्री पे 57700, सह आचार्य को 37400-67000 न्यूनतम एंट्री पे 131400 एवं प्रोफेसर को 67000-79000 न्यूनतम एंट्री पे 182200 देना अनिवार्य है।
रिसर्च सुपरवाइजर का चयन स्क्रीनिंग कमेटी एवं यूजीसी रेगुलेशन अनुरूप किया गया हो।
सहायक आचार्य 4, सह आचार्य 6 व प्रोफेसर 8 शोधार्थी को पंजीकृत कर सकता है।
रिसर्च एडवाइजरी कमेटी गठित हो और शोधार्थी को समय-समय पर एग्जामिन कर रही हो।
रिसर्च डायरेक्टर को न्यूनतम 15 वर्षों का टीचिंग अनुभव व एपीआई स्कोर न्यूनतम 120 होना अनिवार्य है।
रिसर्च पोर्टल पर ये जानकारी होना जरूरी
संकाय वार पीएचडी में उपलब्ध व भरी हुई सीटों एवं सेमेस्टर शुल्क का विवरण।
शोधार्थी का एनरोलमेंट संया, पंजीकृत वर्ष, संकाय, शोध विषय, रिसर्च सुपरवाइजर का नाम।
संकाय वार रिसर्च सुपरवाइजर का नाम, नियमितीकरण पत्र व पद अनुरूप खाली या भरी हुई शोधार्थियों की संया।
बॉम द्वारा पारित रिसर्च ऑर्डिनेंस यूजीसी पीएचडी रेगुलेशन 2022 के अनुरूप।
बॉम के पारित एग्जामिनेशन स्कीम।
अंतरराष्ट्रीय शोधार्थी के लिए नियम।
कार्रवाई की जाएगी
निजी विश्वविद्यालय के लिए पीएचडी डिग्री को लेकर यूजीसी का सर्कुलर आया हुआ है। उसी के तहत सभी को वेबसाइट बनाकर जानकारी अपलोड करनी है। यदि कोई पालना नहीं करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।