Bundi PM फसल बीमा योजना 2023 का क्लेम नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन

Bundi PM फसल बीमा योजना 2023 का क्लेम नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन
 
Bundi PM फसल बीमा योजना 2023 का क्लेम नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी जिले के किसानों ने सर्किटहाउस पर एकत्रित होकर जिले की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर प्रदर्शन किया। योजना का पूर्ण क्लेम नहीं मिलने पर बीमा कंपनी क्षेमा जनरल इंश्योरेंस के खिलाफ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। किसानों ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि 40 हजार किसानों की शिकायतों को तो रिजेक्ट ही कर दिया। ऐसे में कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर अधिकारियों पर सख्त एक्शन लेना चाहिए।

ज्ञापन देने से पूर्व सर्किटहाउस पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा के नेतृत्व में जिलेभर के किसान एकत्रित हुए। किसानों ने बीमा कंपनी द्वारा जिले में की किसानों के साथ की जा रही अनियमितताओं की जानकारी प्रदेश उपाध्यक्ष को दी। बीमा कंपनी द्वारा बूंदी के किसानों की अतिवृष्टि से हुई फसल के नुकसान की भरपाई जानबूझकर नहीं की गई। किसान नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन को जानकारी दी। भाजपा नेता भरत शर्मा ने कहा कि किसानों की मेहनत पानी में नहीं मिलने दी जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री से वार्ता कर किसानों को उनका हक दिलवाया जाएगा। किसानों का कहना है कि 70000 किसानों ने कंपनी को टोल फ्री नंबर पर अपनी फसल खराब होने की सूचना देकर सर्वे करने की मांग की गई थी। कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा पटवारी व ग्रामसेवक से मिलीभगत कर 40000 शिकायतों को रिजेक्ट कर दिया। इतना ही नहीं इनका सर्वे तक नहीं किया। जिनका सर्वे कंपनी द्वारा किया गया है, उन किसानों को भी अभी तक कंपनी द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया। सर्वे कंपनी द्वारा नियुक्त बूंदी जिले के वेंडर को भी कंपनी द्वारा उसका मेहनताने का भुगतान नहीं किया। इस कारण लगभग 13000 किसानों के सर्वे के फॉर्म अभी भी सर्वे करने वाले वेंडर के पास ही पड़े हैं। करीब 30000 किसानों के सर्वे किए गए थे। जिनको क्लेम के लिए पात्र माना गया, उनमें से भी कंपनी ने मात्र आधे किसानों को ही क्लेम का भुगतान किया। आधे किसान भुगतान के लिए भटक रहे हैं।

किसान बोले- कहीं सुनवाई नहीं हो रही, एक्शन लीजिए जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा कि सत्र 2023 में कंपनी द्वारा 104 करोड़ रुपए किसानों से प्रीमियम के रूप में केसीसी अकाउंट से डायरेक्ट काटे गए थे। जबकि, मात्र 8 करोड़ रुपए का ही भुगतान किसानों को किया और कंपनी के अधिकारियों ने इतिश्री कर ली गई। पिछले साल से बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों के पास में कृषि अधिकारियों के पास में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। लेकिन उनकी किसी प्रकार की कोई सुनवाई कंपनी के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। किसानों ने प्रभारी मंत्री हीरालाल नागर से भी मुलाकात कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को भी किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। कलेक्टर से किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की मांग उठाई। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा के नेतृत्व में ज्ञापन दिया। इस दौरान युवा नेता भरत शर्मा, महावीर गुप्ता केपाटन, सत्यनारायण नागर कापरेन, महावीर नागर नैनवां, रामावतार मीणा झालीजी का बराना, दिलबाग सिंह गुर्जर, प्रमोद नागर, हरिमोहन राठौर, सांवरा नागर, त्रिलोक गोचर, महावीर मीणा, राधेश्याम बैरागी, पूर्व सरपंच योगेशकुमार शर्मा, पूर्व सभापति महावीर मोदी, भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष राजकुमार शृंगी, पूर्व मंडल अध्यक्ष महावीर खंगार, पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा खटकड़ भवानीशंकर मीणा, अशोक जैन, अभिषेक जैन, महावीर जैन, पार्षद मानस जैन, मोहन कराड़, मनोज गौतम, जितेंद्रसिंह हाड़ा, कुलवंतसिंह नायक, उमेश आर्य, किट्टू सैनी, बबलू जैन और कार्यकर्ता मौजूद रहे।