Alwar कार्यक्रम में बाहर से आए हजूरी रागी जत्थों ने कीर्तन से श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध

Alwar कार्यक्रम में बाहर से आए हजूरी रागी जत्थों ने कीर्तन से श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध
 
Alwar कार्यक्रम में बाहर से आए हजूरी रागी जत्थों ने कीर्तन से श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध

अलवर न्यूज़ डेस्क, अलवर कस्बे के पीएम श्री राउमावि के खेल मैदान पर गुरमत समागम गुरु गोविंदसिंह जी के पावन पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। अलावड़ा गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान गुरनाम सिंह गामी ने बताया कि अलावड़ा कस्बे करीब आठ वर्ष पहले भी गुरु की महिमा का गुणगान किया गया था। दोबारा भी अलावड़ा कस्बे के गुरुद्वारा सिंह सभा को दुल्हन की तरह सजाया गया और तीन दिवसीय अखंड पाठ का आयोजन कर रविवार को तीसरे दिन पाठ के भोग के साथ-साथ गुरमत समागम का आयोजन स्कूल खेल मैदान पर किया गया। जिसमें आसपास क्षेत्र से हजारों की संख्या में सिख संगत ने भाग लिया। स्थानीय व बाहर से आए हजूरी रागी जत्थों ने कीर्तन कर शबद-कीर्तन व कथा कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

महान गुरमत कीर्तन समागमके खास मौके पर स्थानीय के अलावा अन्य जगहों से कीर्तनी जत्थों को बुलाया गया।गुरमत समागम में भाग लेने आए दिल्ली से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान, हरजिंदर सिंह धामी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर प्रधान और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सुखविंदर सिंह बब्बर, मनजीत सिंह पूर्व प्रधान गुरुद्वारा कमेटी दिल्ली, रमनदीप सिंह यूथ प्रधान दिल्ली, बीबी रणजीत कौर सदस्य दिल्ली ने गुरमत समागम में आई संगत का धर्म की राह पर चलने के लिए मार्ग दर्शन किया।

और भाई गुरुशरण सिंह हजूरी रागी, भाई अमनदीप सिंह, भाई अमृतपाल सिंह चैन बाला कथा वाचक, भाई गुरशरण सिंह ढाडी जत्था दरबार साहिब, भाई प्रेम सिंह बंधु दिल्ली, भाई हरमीक सिंह अलवर, भाई हरप्रीत सिंह जम्मू द्वारा शब्द कीर्तन और गुरु गोविंद सिंह जी की जीवनी पर प्रसंग सुनाए औरकीर्तन कर संगत को निहाल किया।कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू हुआ। शाम 5 बजे तक श्रद्धा की बयार चलती रही। इस अवसर पर अलावड़ा गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान गुरनाम सिंह गामी,परविंदर सिंह,सुखदीप सिंह, मलकीत सिंह, अमनदीप सिंह, गुरमीत सिंह, हरपाल सिंह, कुलवंत सिंह, हरजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, रणजीत सिंह आदि सिख संगत के कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर बरता गया। बड़ी संख्या में लोगों ने अटूट लंगर छका।