कैसे दुनिया के सबसे खतरनाक जानवरों के बीच पैदा होते थे भारत के सबसे खतरनाक डकैत, वीडियो देखें और समझें
राजस्थान न्यूज़ डेस्क, सुल्ताना डाकू 20वीं सदी का पहला और सबसे ज्यादा चर्चित डकैत माना जाता है। सुल्ताना डाकू के बारे में बहुत ज्यादा तथ्य तो उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कुछ सूचनाओं में यह बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले के नजीबाबाद में एक टूटा-फूटा किला है जिसे सुल्ताना डाकू का किला कहा जाता है। कु्छ लेखकों का मानना है कि सुल्ताना डाकू का कहर उत्तर प्रदेश में 1920 के आस-पास रहा है।
2-मान सिंह
आगरा जिले के खेड़ा गांव में पैदा हुआ चंबल का कुख्यात डकैत मान सिंह राठौर अपने समय का सबसे खौफनाक रहा। मान सिंह के खौफ से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने 1955 में राज्य के भिंड जिले में एनकाउंटर कर दिया था। चंबल के कुख्यात डकैतों में आज भी मान सिंह का नाम लिया जा जाता है।
3-पान सिंह तोमर
पान सिंह तोमर भारतीय सेना का एक जवान और एक एथलीट था। पान सिंह तोमर को दौड़ने में महारथ हासिल थी जिसके लिए उसे कई बार सम्मानित किया गया। लेकिन सेना से सेवानिवृत्ति होने के बाद जब वह अपने गांव पहुंचा तो कुछ परिस्थियों के कारण डकैत बन गया और चंबल घाटी में दहशत फैला दी। पुलिस ने 1981 में पान सिंह एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
4-फूलन देवी
गरीब घर में पैदा हुई फूलन देवी की शादी की बचपन में कर दी गई लेकिन वह पति को छोड़कर अपने साथियों के साथ अपराध की दुनिया में उतर गई। फूलन देवी सबसे ज्यादा चर्चा में तब आई जब उसने बहमई गांव के राजपूत जाति के 22 लोगों को लेन में खड़ा कर गोली मार दी थी। फूलन देवी बाद में सांसद बनी लेकिन उसके दुश्मनों उसे 2001 में गोली मार मारकर हत्या कर दी गई।
5-वीरप्पन
चंदन तस्कर के नाम से पहचाने जाने वाला डाकू वीरप्पन दिक्षण भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के करीब छह हजार वर्ग किमी जंगली इलाके में दहशत फैला रखी थी। चंदन और हाथी दांत की तस्करी करने वाला वीरप्पन तमिलनाडु सरकार के नाक में दम कर रखा था। दो दशक से ज्यादा से तक आतंक का साया रहा वीरप्पन 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
6-ददुआ
करीब दो दशक तक बुंदेलखंड में आतंक का पर्याय रहा डकैत शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ मानिकपुर और सतना के जंगलों आतंक मचा रखा था। ददुआ उगाही, लूट, डकैती और हत्या से लोगों में दहशत फैला रखा था। 22 जुलाई 2007 में ददुआ मार दिया गया लेकिन अभी तक लोग उसके खौफ को नहीं भूल पाए हैं।
7-निर्भय गुर्जर
कुख्यात डकैतों के लिए बदनाम रही मध्य प्रदेश की जंबल घाटी का आखिरी डकैत निर्भय गुर्जर रहा। निर्भय गुर्जर के तीस साल अपराधी कैरियर में उसके खिलाफ 205 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके थे। सरकार की ओर निर्भय के पकड़ने पर ढाई लाख रुपए का ईनाम घोषित था।
8-सीमा परिहार
उत्तर प्रदेश के औरैया में पैदा हुई सीमा परिहार जब 13 साल की थी तब लाला राम नाम के डकैत ने उसके गांव से अगवा कर लिया था। लाला राम के गैंग में रहकर सीमा डकैत बन गई और निर्भय गुर्जर से शादी कर ली। लेकिन बाद में वह अपना खुद का गैंग चलाने लगी थी। अपने 18 साल अपराधी जीवन में सीमा ने 70 लोगों की हत्या, 200 लोगों का अपहरण और तीस से ज्यादा घरों में डकैती डालने के बाद 2000 में यूपी पुलिस को आत्म समर्पण कर राजनीति में उतर गई थी।b