Jalore जिले से जुड़े अहम प्रोजेक्ट आज भी कागजों में रेंग रहे

Jalore जिले से जुड़े अहम प्रोजेक्ट आज भी कागजों में रेंग रहे
 
Jalore जिले से जुड़े अहम प्रोजेक्ट आज भी कागजों में रेंग रहे
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर जालोर एक मात्र ऐसा जिला है, जिसमें एक दो नहीं, बल्कि छह प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी मुद्दे बने। पूर्ववर्ती कांगे्रस सरकार ने इसमें से ज्यादातर पर तो बजट जारी करने के साथ शिलान्यास भी कर दिया और इन पर चुनाव से पहले काम भी शुरु हो गया, लेकिन ये सभी प्रोजेक्ट फिलहाल कागजों में दफन है। ये प्रोजेक्ट यदि क्रियान्वित होते तो निश्चित तौर पर जिले के युवाओं, उद्यमियों और स्थानीय निवासियों को फायदा होता। दूसरे जिलों से तुलना की बात करें तो उनकी तुलना में जालोर कई पिछड़ा हुआ है। रोड कनेक्टिविटी हो या रेल कनेक्टिविटी आज तक इसका इंतजार है। यही नहीं आधारभूत सुविधा, एजुकेशन, नेशनल हाइवे जैसे प्रोजेक्ट पर ही राजनीतिक उदासीनता हावी है। यह विषय अभी इसलिए अहम है क्योंकि 10 जुलाई को राज्य बजट पेश और जुलाई अंत में ही केंद्र का बजट जारी होने वाला है। इन बजट में भी जिले के लिए कुछ नई घोषणाएं हो सकती है, लेकिन इन घोषणाओं के पूरे होने को लेकर संशय ही रहेगा, क्योंकि पिछले दो तीन साल की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की घोषणाओं में तो बजट स्वीकृति हो जाने के बाद भी उन्हें रोक दिया गया है। जालोर के ये अहम प्रोजेक्ट और उनकी स्थिति पर एक रिपोर्ट-

1- मेडिकल कॉलेज

मेडिकल जिलों से वंचित जालोर जिले के लिए यह घोषणा पिछले बजट में हुई और 350 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ। कार्य के लिए शिलान्यास हुआ, लेकिन अब यह काम बंद पड़ा है। मेडिकल कॉलेज के लिए लेटा में भूमि चिह्नित की गई थी।

4-जयपुर-दिल्ली तक कनेक्टिविटी

जालोर से सर्वाधिक यात्रियों की आवाजाही जयपुर और दिल्ली तक होती है। आजादी के बाद से आज तक स्थायी सीधी टे्रन न तो जयपुर के लिए न ही दिल्ली के लिए है। केवल एक स्पेशल रेल सेवा वर्तमान में जयपुर तक के लिए है। वहीं दिल्ली के लिए भी टे्रन नहीं है।

5-जालोर-सिरोही-सांचौर की कनेक्टिविटी

नया जिला बनने से पहले ही तीनों जिलों की कनेक्टिविटी के लिए नेशनल हाइवे की मांग उठी थी। जालोर की न तो सिरोही से न ही सांचौर से बेहतर कनेक्टिविटी है। जबकि पूर्व में रोहट-जालोर-भीनमाल-करड़ा-सांचौर तक एक एनएच का सर्वे हो चुका है।

6-जालोर किले तक सडक़ का कार्य

जालोर किले तक सडक़ निर्माण के लिए भी पिछली सरकार ने 27 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। कार्य के लिए शिलान्यास किया गया और एजेंसी ने काम भी शुरु कर दिया। लेकिन उसके बाद प्रोजेक्ट पर सरकार ने कुंडली मार ली। इस मामले में वन विभाग ने अलाइनमेंट बदलने का हवाला दिया।