Jaipur कागजों पर हो रहा संरक्षण, जर्जर हो रहे ऐतिहासिक गेट
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर आज सांगानेर भले ही जयपुर के अंदर आता है, लेकिन यह जयपुर से पहले का है। पहले इसे संग्रामपुर नाम से पुकारा जाता था, बाद में इसका नाम सांगानेर रखा गया। सांगानेर के चारों तरफ परकोटा हुआ करता था। इस परकोटे में छ: गेट थे। इनमें दौसा गेट को सांगानेर का मुख्यद्वार माना जाता था। अन्य गेटों में जयपुर गेट, सांभर गेट, मालपुरा गेट और चाकसू गेट थे। सांभर गेट वर्तमान में ध्वस्त हो चुका है। सांगानेर के पुराने निवासी बताते है कि वर्तमान में चौरडिय़ा पेट्रोल पम्प के पीछे वाले हिस्से में सांभर गेट हुआ करता था। सांगानेर एयरपोर्ट कि जो चारदीवारी बनी हुई है।
वह इसी गेट के पत्थरों की बनी है। इसे वर्ष 1944 में तोड़ दिया गया। जयपुर गेट, मालपुरा गेट, चाकसू गेट और त्रिपोलिया गेट अभी वर्तमान में मौजूद हैं। लेकिन, इन प्राचीन गेटों कि आज दुर्दशा हो रही है। जर्जर अवस्था और लोगों के अतिक्रमण के कारण ये ऐतिहासिक गेट अपनी प्राचीनता खो रहे है। स्थानीय निवासी पुरुषोत्तम नागर का कहना है कि सांगानेर के इन प्राचीन गेटों के संरक्षण एंव अतिक्रमण मुक्त रखे जाने के लिए राजस्थान धरोहर संरक्षण एंव प्रोन्नति प्राधिकरण जयपुर को कई बार लिखित में अवगत किया गया था, जिस पर निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि सांगानेर स्थित निर्मित गेट विभाग के घोषित संरक्षित स्मारक नही है। इन प्राचीन धरोहर गेटों को संरक्षित स्मारक घोषित कराया जाना चाहिए। लेकिन, विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए इसे अपने अधीन में नही माना।