Jaipur मेट्रो विस्तार डीपीआर के चक्कर लगा रहा, 4 बार बदली डीपीआर

Jaipur मेट्रो विस्तार डीपीआर के चक्कर लगा रहा, 4 बार बदली डीपीआर
 
Jaipur मेट्रो विस्तार डीपीआर के चक्कर लगा रहा, 4 बार बदली डीपीआर

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक प्रस्तावित मेट्रो की डीपीआर अब 5वीं बार बनेगी। 23 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट की 13 साल में चार बार डीपीआर बन चुकी है, जिस पर 20 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। गुरुवार को पेश बजट में सीतापुरा से अंबाबाड़ी की जगह मेट्रो को विद्याधर नगर तक ले जाने की घोषणा की है। इसकी नई डीपीआर तैयार होगी, ऐसे में 13 साल से मेट्रो का सेकंड फेज कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। खास बात है कि हर बार डीपीआर में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया। शुरुआती डीपीआर में मेट्रो सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक प्रस्तावित थी, इसके बाद दूसरी कंपनी ने इसे बढ़ाकर कर वीकेआई तक करने का सुझाव दिया। तीसरी कंपनी ने रूट में फेरबदल कर लागत आधी से भी कम करके मेट्रो को सौंप दी।

2011 में पहली

सीतापुरा से अंबाबाड़ी के बीच मेट्रो की पहली डीपीआर कांग्रेस सरकार के समय 2011 में बनी, यह दिल्ली मेट्रो ने बनाई थी। डीपीआर बनाने पर 6 करोड़ रुपए खर्च हुए। कंपनी से शुरुआती डीपीआर में 20 स्टेशन सहित एलिवेटेड मेट्रो की सिफारिश की थी। इसमें कुछ मेट्रो स्टेशन अंडरग्राउंड बनने थे। लागत करीब 10 हजार करोड़ बताई गई थी। सरकार को डीपीआर पसंद नहीं आई।

2014 में दूसरी

2014 में बीजेपी सरकार ने डीपीआर तैयार कराई। फ्रांस की इजिस रेल कंपनी को 2011 में बनी डीपीआर को रिवाइज्ड करके लागत कम करने का टेंडर दिया। कंपनी ने मेट्रो को अंबाबाड़ी से आगे वीकेआई के रोड नंबर 14 तक ले जाने की अनुशंसा की। कंपनी ने कई रूट सुझाए, सबसे अधिक ट्रैफिक वाला रूट टोंक रोड को बताया। वीकेआई तक रूट ले जाने से सेकंड फेज की दूरी 23 से 29 किमी कर दी गई। हालांकि, कंपनी बीच में चली गई। कंपनी को करीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

13 साल में 20 करोड़ खर्च; सवाल- बार-बार डीपीआर क्यों?

2020 में तीसरी

2018 में कांग्रेस सरकार बनी। 2019 में वर्ष 2011 और 2014 में बनी डीपीआर को वापस से दिल्ली मेट्रो को रिवाइज्ड करने का टेंडर दिया। दिल्ली मेट्रो ने 2020 में जयपुर मेट्रो को रिवाइज्ड डीपीआर सौंपी। इसमें मेट्रो कोच 6 से घटाकर 3 कर दी। पूरे 20 मेट्रो स्टेशनों को एलिवेटेड कर दिया। नई डीपीआर में मेट्रो का रूट भी बदल कर अजमेरी गेट, एमआई रोड की जगह अशोक मार्ग से कर दिया। लागत 10 हजार करोड़ से घटाकर 4600 करोड़ रुपए दी गई। इसके बदले दिल्ली मेट्रो को करीब 4 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

2023 में चौथी

3 बार बन चुकी डीपीआर कांग्रेस सरकार के लिए उपयोगी साबित नहीं हुई। पिछले साल 10 फरवरी को बजट में सरकार ने सेकंड फेज की डीपीआर को रिवाइज्ड कराने की घोषणा की। इसके लिए 4 करोड़ का बजट का प्रावधान रखा। ​ बजट में कहा कि डीपीआर दिल्ली मेट्रो से तैयार कराई जाएगी।

पुलिस मॉडर्नाइजेशन पर 200 करोड़ खर्च होंगे

प्रदेश में नए बने 34 पुलिस थानों में सायबर हेल्प डेस्क बनेगा। पुलिस के मॉडर्नाइजेशन पर 200 करोड़ खर्च होंगे।
हर जिले में एंटी राेमियाे स्क्वायड का गठन होगा
प्रदेश में बालिका, महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने के लिए प्रत्येक जिले में एंटी राेमियाे स्क्वायड बनेगा। 174 पुलिस थानों में वुमन हेल्प डेस्क बनेगी।
लाडली सुरक्षा योजना: सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
सार्वजनिक स्थलों, बालिका छात्रावासों एवं नारी निकेतनों में लाडली सुरक्षा योजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
आत्मरक्षा के लिए बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण अभियान में अधिक प्रोत्साहित करने के लिए ब्लैक बेल्ट को स्पोर्ट्स काेटे में शामिल किया जाएगा।