जयपुर पुलिस ने किया फेक ई मित्र कॉल सेंटर का भंडाफोड़, वायरल वीडियो में सामने आया ठगी का तरीका
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर पुलिस ने ठगी के एक कॉल सेंटर का शुक्रवार शाम पर्दाफाश किया है। ई-मित्र के नाम से खोल रहे फेक कॉल सेंटर पर दबिश देकर चार जनों को अरेस्ट किया गया है। कॉल सेंटर के जरिए ई-मित्र की आईडी से प्रॉफिट के साथ कैश बैक का झांसा देकर रकम ठगी जाती थी। पिछले 6 महीने में करीब 500 लोगों से फेक कॉल सेंटर गैंग 15 लाख रुपए कमाई कर चुकी है। पुलिस ने कॉल सेंटर से बड़ी संख्या में कम्प्यूटर, मोबाइल व अन्य सामान के साथ 78 हजार कैश बरामद किया है। मामले में फरार कॉल सेंटर ऑनर और वर्कर्स की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही है।
DCP (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- साइबर फ्रॉड में आरोपी दीपक (23) पुत्र राजू बलाई निवासी अशोकपुरा गली नंबर-1 सोडाला, संजय मेघवाल (22) पुत्र जगदीश मेघवाल निवासी काली पलटन मोहल्ला टोंक, नन्दवीर सैनी (22) पुत्र रामअवतार सैनी निवासी रिको इंडस्ट्रीयल एरिया मानसरोवर और विनोद बैरवा (23) पुत्र मोहन लाल बैरवा निवासी मालपुरा टोंक को अरेस्ट किया है। पुलिस ने कॉल सेंटर से 9 मोबाइल, 13 कम्प्यूटर, 1 लेपटॉप, वाईफाई, बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट मशीन, इंटरनेट कनेक्टर, बिजली के दो बोर्ड व ठगी के 78 हजार रुपए जब्त किए है। पुलिस दबिश के दौरान कॉल सेंटर पर ऑनर व अन्य वर्कर नहीं होने के चलते पकड़े नहीं जा सके। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।
शिकायतों पर साइबर टीम ने किया एनालासिस DCP (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया- पिछले काफी समय से साइबर हेल्प लाइन नंबर-1930 पर ई-मित्र सेवा के नाम पर साइबर फ्रॉड की सूचना मिल रही थी। ACP (मानसरोवर) आदित्य काकड़े के सुपरविजन में शिकायतों का एनालासिस करवाया गया। साइबर सैल के हेड कॉन्स्टेबल लोकेश कुमार की सूचना पर कॉन्स्टेबल विजयपाल व प्रहलाद के साथ एसीपी ऑफिस (मानसरोवर) में तैनात हेड कॉन्स्टेबल हंसराज की टीम बनाई गई। साइबर फ्रॉड करने वाले संदिग्धों के मोबाइल नंबरों से लोकेशन निकलवाई गई।
पिछले 6 महीने से चल रहा था कॉल सेंटर साइबर सैल टीम की तरफ से गोपनीय सूचना प्राप्त की गई। शिप्रापथ इलाके में विक्रमादित्य मार्ग पर एक अपार्टमेंट की पहली मंजिल पर समाज सेवा केंद के नाम से फ्रॉड करने का पता चला। ई-मित्र के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने पर SHO (शिप्रापथ) अमित शर्मा के नेतृत्व में टीम ने दबिश दी। पुलिस ने साइबर फ्रॉड के लिए कॉल सेंटर पर मिले चारों आरोपियों को अरेस्ट किया। कॉल सेंटर पर मिले मोबाइल-कम्प्यूटर सहित अन्य सामान को जब्त किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने ऑनर व अन्य वर्कर के कॉल सेंटर पर नहीं होना बताया। पिछले 6 महीने से इस कॉल सेंटर की संचालन होना बताया।
साइबर फ्रॉड कर कमाए 15 लाख रुपए पुलिस जांच में सामने आया है कि ई-मित्र की आई-डी बनाकर देने का कॉल सेंटर के जरिए झांसा दिया जाता था। आईडी से प्रॉफिट से लेकर कैश बैक का लालच देते थे। रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए फ्रॉड की पहली किस्त 5-10 हजार रुपए ली जाती थी। जिसके बाद रुपए ओर खर्च करने की लगने पर एक-दो बार सुविधा देकर कैश बैक का लालच देकर मोटी रकम बैंक अकाउंट में जमा करवा लेते थे। रुपए वसूली के बाद कस्टमर का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते थे। कुछ दिनों बाद पहले मोबाइल नंबर को बंद कर दूसरे मोबाइल नंबर का यूज शुरू कर देते थे। साइबर फ्रॉड कर गैंग के अभी तक करीब 500 लोगों से 15 लाख रुपए से अधिक की कमाई होने का पता चला है।