Jaipur प्रीति, आयुष्मान योग का संयोग, सजेगी झांकियां

Jaipur प्रीति, आयुष्मान योग का संयोग, सजेगी झांकियां
 
Jaipur प्रीति, आयुष्मान योग का संयोग, सजेगी झांकियां
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  प्रीति और आयुष्मान योग में मंगलवार को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। इस मौके पर भक्त व्रत रखकर दान पुण्य के साथ ही भक्ति में लीन रहेंगे। गोविंददेव जी मंदिर, राधा दामोदर जी, गोपीनाथ जी, अक्षयपात्र, इस्कॉन व अक्षरधाम मंदिर में विशेष झांकी के दर्शन होंगे। इस दौरान महिलाएं श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप भगवान लड्डू गोपाल को लेकर मंदिर पहुंचेंगी।ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि स्कंद पुराण में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस एकादशी पर व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है। हेमंत ऋतु में आने वाली इस एकादशी को उत्पत्तिका, उत्पन्ना और वैतरणी एकादशी भी कहा जाता है। तीर्थ स्नान के साथ ही शाम को दीपदान करना सभी राशि के जातकों के लिए विशेष फलदायी रहेगा।

उत्पन्ना एकादशी पर मंदिरों में भक्त भगवद् गीता और रामायण पाठ के साथ ही विष्णु सहस्रनाम का जाप और हरिनाम संकीर्तन करेंगे। ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। साथ ही सर्दी को देखते हुए ऊनी पोशाक भी धारण करवाई जाएगी। श्यामसेवी संस्थाओं की ओर से सीकर रोड, जगतपुरा, मानसरोवर सहित अन्य जगहों पर भजन संध्या होगी। इसमें श्याम बाबा का अनुपम शृंगार कर अखंड ज्योत प्रज्वलित की जाएगी। छप्पन भोग की झांकी भी सजेगी।

राशि अनुसार भगवान को अर्पित करें सामग्री

मेष : लड्डू, वृषभ : पंचामृत

मिथुन : हरे रंग के वस्त्र

कर्क : खीर

सिंह : लाल वस्त्र

कन्या : मोर पंख

तुला : कामधेनु प्रतिमा

वृश्चिक : गुड़

धनु : हल्दी का तिलक

मकर : कमल पुष्प

कुंभ : शमी के पत्ते

मीन : चंदन तिलक

पं. मोहन लाल शर्माकृष्णमूर्ति ज्योतिषाचार्य

उत्पन्ना एकादशी धार्मिक-आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका नियमित रूप से व्रत-अनुष्ठान करने से उपासक के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। व्रत से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और कई आंतरिक विषैले तत्व शरीर से बाहर निकलते हैं, जिससे आंतरिक अंगों को ऊर्जा प्राप्त होती है।