Jaipur डॉक्टरों की कमी, इमरजेंसी में नहीं मिल रहा इलाज
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर अगर आप गणगौरी अस्पताल में इमरजेंसी इलाज के लिए जा रहे हैं, तो पहले घड़ी देखकर जाएं। यहां डॉक्टर मिलेंगे या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण ओपीडी समय के बाद गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है और उन्हें एसएमएस अस्पताल रेफर किया जा रहा है। अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 2000 से अधिक मरीज आते हैं और इमरजेंसी में 250 से ज्यादा, लेकिन भर्ती केवल 60-70 मरीजों को ही किया जा रहा है। इनमें भी अधिकांश ओपीडी समय में ही भर्ती होते हैं, क्योंकि डॉक्टरों की संख्या अपर्याप्त है। ऑर्थोपेडिक, सर्जरी और पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर रोटेशन पर लगाए जा रहे हैं, जबकि मेडिसिन विभाग में सबसे अधिक मरीज आने के बावजूद डॉक्टरों को एक-एक महीने के रोटेशन पर लगाया जा रहा है।
सर्जरी और गायनिक विभाग की स्थिति गंभीर
सर्जरी के मरीजों को ओपीडी समय के बाद भर्ती करने के बजाय एसएमएस अस्पताल रेफर किया जा रहा है। सर्जरी विभाग में ज्यादातर काम मेडिकल ऑफिसर्स ही संभाल रहे हैं, जबकि फैकल्टी कभी-कभार ही नजर आती है। इसके चलते सर्जरी ओटी सप्ताह में केवल दो दिन ही चलता है और उसमें भी सिर्फ रूटीन सर्जरी होती है। यही हाल गायनिक विभाग का भी है, जहां मरीजों की संख्या के मुकाबले डॉक्टर कम हैं, जिससे मरीजों को निराश लौटना पड़ रहा है।
डॉक्टरों की संख्या में बढ़ोतरी की मांग
वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में गायनिक, मेडिसिन, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक विभागों की यूनिट्स स्थापित करने की जरूरत है। रोटेशन पर काम कब तक चलेगा, यह स्पष्ट नहीं है। एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर यहां रोटेशन पर आना पसंद नहीं कर रहे हैं। इस साल के अंत तक अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बनकर तैयार हो जाएगा, ऐसे में स्थायी यूनिट्स की तत्काल आवश्यकता है, ताकि मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।