Jaipur छात्राओं ने 'घूमर' के माध्यम से दिया राजस्थानी संस्कृति का संदेश, मनाया वार्षिक उत्सव

Jaipur छात्राओं ने 'घूमर' के माध्यम से दिया राजस्थानी संस्कृति का संदेश, मनाया वार्षिक उत्सव
 
Jaipur छात्राओं ने 'घूमर' के माध्यम से दिया राजस्थानी संस्कृति का संदेश, मनाया वार्षिक उत्सव
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर के आगरा रोड पुरानी चुंगी विजय पूरा रोड स्थित राधा बाल भारती स्कूल  में हर साल की तरह इस साल भी वार्षिक उत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को 'घूमर' का नाम दिया गया। जयपुर के आगरा रोड पुरानी चुंगी विजय पूरा रोड स्थित राधा बाल भारती स्कूल में हर साल की तरह इस साल भी वार्षिक उत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को 'घूमर' का नाम दिया गया। स्कूल डायरेक्टर राम सिंह ने बताया कि वार्षिकोत्सव और सम्मान समारोह कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों का स्कूल प्रबंधन की ओर से माल्यार्पण कर और साफा बंधन कर स्वागत किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी। कार्यक्रम में शैक्षणिक और शैक्षणिक गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का भी सम्मान किया गया।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया। कार्यक्रम में घूमर से बच्चियों ने राजस्थानी संस्कृति का परिचय दिया। वहीं छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों का मन लुभाया। कई छात्र - छात्राओं ने ड्रामा, नाटक प्रस्तुत करके समाज के लोगों को जागरूक किया। पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देश भक्तों की वीरता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र - छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने दिया।

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत भी किया। स्टूडेंट्स के अभिभावक और शहर के कई गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम को देखने के लिए समारोह स्थल पर पहुंचे और आनंद उठाया। स्कूल डायरेक्टर राम सिंह ने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है। स्कूल डायरेक्टर राम सिंह ने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है। शिक्षकों को बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देनी चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधि समय-समय पर होते रहना चाहिए। छात्रों को अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत अति आवश्यक है।