Jaipur सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन की एसएलपी की खारिज

Jaipur सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन की एसएलपी की खारिज
 
Jaipur सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन की एसएलपी की खारिज

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर सुप्रीम कोर्ट ने एडीजे भर्ती- 2020 में वकील कोटे के 85 पदों पर केवल 4 अभ्यर्थियों को ही एडीजे के पद पर नियुक्ति के लिए चयनित करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के 14 फरवरी 2024 के फैसले को बरकरार रखा है। वहीं हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार एक्जामिनेशन की एसएलपी प्रारंभिक सुनवाई के स्तर पर ही खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मंगलवार को दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट ने परीक्षा में गड़बड़ी होना माना है तो ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट को उससे ऊपर नहीं रखा जा सकता। दरअसल हाईकोर्ट प्रशासन ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें एडीजे भर्ती परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट की परीक्षा सेल को योग्य विधिवेत्ताओं व प्रोफेसरों की कमेटी बनाने का निर्देश दिया था।

वहीं कमेटी को कहा था कि वह पेपर की लंबाई व पेपर हल करने को देखने के लिए स्वतंत्र रहेगी और हाईकोर्ट की परीक्षा सेल चार्ट के जरिए कॉपियों में कमेटी की ओर से दिए गए मार्क्स व मौजूदा मार्क्स का तुलनात्मक अध्ययन कर हाईकोर्ट को बताएगी। इसे हाईकोर्ट प्रशासन ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि एडीजे भर्ती परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है और कमेटी की रिपोर्ट में भी परीक्षा को सही होना बताया है।

एडीजे भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थी प्रदीप मलिक व अंकुर श्रीवास्तव सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि भर्ती परीक्षा के पेपर ज्यादा लंबे थे। साक्षात्कार में चार गुणा अभ्यर्थियों की बजाय केवल चार अभ्यर्थियों को ही बुलाया है। जबकि भर्ती में 779 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य माना था।इसलिए योग्य अभ्यर्थियों को बोनस अंक देकर वकील कोटे के सभी खाली 81 पदों को भरा जाए। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर सीजे गोविन्द माथुर की कमेटी बनाकर उन्हें जांच के लिए कहा था। जस्टिस माथुर की कमेटी ने एडीजे भर्ती परीक्षा सही करवाने की बात कही।