Jaipur टाइप 2 डायबिटीज को जड़ से खत्म कर देगा ये एक आसन, मिलेगी राहत

Jaipur टाइप 2 डायबिटीज को जड़ से खत्म कर देगा ये एक आसन, मिलेगी राहत
 
Jaipur टाइप 2 डायबिटीज को जड़ से खत्म कर देगा ये एक आसन, मिलेगी राहत
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  मधुमेह रोग दो प्रकार का होता है। डायबिटीज टाइप वन (Diabetes type one) और दूसरा डायबिटीज टाइप टू  इंसुलिन, जो एक हार्मोन है, रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित रखता है और पैन्क्रियाज में बनता है। टाइप वन में वह बनना बंद हो जाता है। टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes) में गलत खानपान, अत्यधिक तनाव से इंसुलिन बनाने वाली ग्रन्थि पैन्क्रियाज कमजोर हो जाती है जिससे इंसुलिन बनना कम हो जाता है और रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है या अनियंत्रित हो जाती है।

टाइप टू डायबिटीज T

हम यहां टाइप टू डायबिटीज की बात करेंगे। इस बीमारी में योग को बहुत सहायक पाया गया है। एक रिसर्च जो 1980 में एक जर्नल ‘जर्नल ऑफ डायबिटीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित हुई थी। उसमें यह पाया गया कि जब टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को बिना खानपान बदले, योग 40 मिनट प्रतिदिन छह माह तक कराया गया तो उनके रक्त में शर्करा की मात्रा में खाना खाने के बाद कमी पाई गई। यही नहीं, बल्कि उनके मूत्र में भी शर्करा की मात्रा कम पाई गई। ज्यादातर मरीजों की 40 प्रतिशत दवाएं भी कम करनी पड़ीं। योग में इस बीमारी को लेकर एक नहीं अनेक आसन हैं पर उनमें से एक है पादहस्तासन। इसका पैन्क्रियाज और किडनी पर अच्छा असर पड़ता है। पादहस्तासन एड्रिनल ग्रन्थि को भी स्वस्थ रखने का कार्य करता है। यह शुगर कंट्रोल में सहायक होता है।

पादहस्तासन करने का तरीका 

इस आसन में पैरों को हाथ से पकड़ते हैं इसलिए इसे पादहस्तासन कहते हैं।
दोनों पैरों को आपस में मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को ऊपर सीधा रखें।
अब धीरे-धीरे श्वास को छोड़ते हुए आगे झुके और हथेलियों से पांवों के पंजों को पकड़ने का प्रयास करें। अगर नहीं पकड़ सकें तो हाथ घुटनों पर भी रख सकते हैं और सिर को घुटनों के पास स्पर्श कराने का प्रयत्न करें और श्वास-प्रश्वास जारी रखें।
अपने सामर्थ्यनुसार इस अवस्था में रुकें। फिर वापस श्वास भरते हुए सीधे खड़े हो जाएं। इसे दो-तीन बार दोहराएं।

पादहस्तासन के फायदे

यह उदर रोगों को दूर करता है।
यह पैन्क्रियाज की क्रियाशीलता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाता है, इसलिए मधुमेह के लिए यह उत्तम आसन है।
यह गर्भाशय की स्थिति को ठीक करता है।
यह किडनी की क्रियाशीलता को भी बढ़ाता है।