Jaipur गुजरात की गिफ्ट सिटी की तर्ज पर जयपुर को भी अब हाईटेक सिटी मिलेगी, रोजगार के अवसर

Jaipur गुजरात की गिफ्ट सिटी की तर्ज पर जयपुर को भी अब हाईटेक सिटी मिलेगी, रोजगार के अवसर
 
Jaipur गुजरात की गिफ्ट सिटी की तर्ज पर जयपुर को भी अब हाईटेक सिटी मिलेगी, रोजगार के अवसर

जयपुर न्यूज़ डेस्क, हैदराबाद के साइबराबाद और अहमदाबाद के गिफ्ट सिटी की तर्ज पर अब जयपुर में हाईटेक सिटी बनेगी। हाईटेक सिटी में हाईटेक टाउनशिप, आईटी, फिनटेक, फाइनेंशियल मैनेजमेंट सहित कई आधुनिक तकनीक पर काम करने वाले संस्थानों को इसमें स्थापित किया जाएगा। इससे न केवल राजधानी जयपुर का आर्थिक विकास होगा, बल्कि यहां आईटी क्षेत्र के युवाओं के लिए कई नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। हालांकि, बजट में अभी यह नहीं बताया गया कि इसको जयपुर में कहां बनाया जाएगा। जयपुर के आसपास जगह ढूंढ़ना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। वर्तमान में जयपुर के युवाओं को रोजगार के लिए गुरुग्राम, नोएडा, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में जाना पड़ता है। हाईटेक सिटी विकसित होने से युवाओं को जयपुर में ही रोजगार मिल सकेगा। एक अनुमान के अनुसार यहां 20 हजार से 25 हजार युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुल सकेंगे।

एक्सपर्ट का कहना है कि इस सिटी में बिजनेस करने वाले या यहां काम करने वालों के लिए हाईटेक टाउनशिप भी बनाई जाएगी। यहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सहित सभी आधारभूत सुविधाएं भी विकसित करनी होगी। यह सिटी विकसित होने पर आने वाले समय में देश-विदेश की कंपनियां जयपुर में इंवेस्ट करेंगी और हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इस हाईटेक सिटी में आईटी हब, साइबर सिटी सहित स्टार्टअप शुरू किए जाएंगे। एक्सपर्ट की मानें तो गुजरात में गिफ्ट सिटी के काम में तेजी आते ही ट्राईसिटी (गिफ्ट सिटी, अहमदाबाद और गांधीनगर) में रियल इस्टेट मार्केट में बड़ा बूम आया है।

गिफ्ट सिटी में 3 साल में 300 से ज्यादा कंपनियां बढ़ गईं, रियल इस्टेट में भी बूम आया, जयपुर में भी ऐसे होगा हाईटेक विकास

अहमदाबाद के गिफ्ट सिटी में तीन साल में 300 से अधिक कंपनियां बढ़ गई हैं। यहां 2020 में महज 129 कंपनियां था, जो 2023 तक 450 हो गईं।
इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए। वर्ष 2020 में यहां 8 हजार लोगों को नौकरी मिली हुई थी।
कंपनियों की संख्या बढ़ने से नौकरी पाने वालों की संख्या 20 हजार से अधिक हो गई। यहां इस तरह की सिटी की पहली बार 2007 में कल्पना की गई थी, जो आज 3365 एकड़ में बनी हुई है।
3365 एकड़ में बनी है गिफ्ट सिटी; 67% हिस्सा व्यावसायिक गतिविधियों के लिए, जबकि 22% आवासीय और 11% सामाजिक-मनोरंजन गतिविधियोंं के लिए है। 70% हिस्सा कंस्ट्रक्शन के लिए और 30% ग्रीनरी के लिए आरक्षित रहेगा। 2030 तक करीब 125 बिल्डिंग यहां दिखेंगी।
अल्ट्रा आधुनिक ऑफिस, अधिकतम 8 मंजिला अपार्टमेंट, बड़े स्कूल ब्रांड, दुबई जैसा शॉपिंग मॉल, होटल-रेस्त्रां, हॉस्पिटल, बिजनेस क्लब, एंटरटेनमेंट जोन होंगे।
वॉक टू वर्क थीम पर इसकी पूरी प्लानिंग की गई है। मौजूदा समय में यहां 18 से 20 बिल्डिंग चल रही हैं, जबकि 30 निर्माणाधीन हैं। करीब 40 बिल्डिंग अगले 4-5 साल में बनकर तैयार हो जाएंगी। 2030 तक करीब 125 बिल्डिंग यहां दिखेंगी। यहां कोई भी बिल्डिंग 8 मंजिल या 25 मीटर से ऊंची नहीं होगी।
158 मीटर ऊंची गिफ्ट आई है गिफ्ट सिटी में, लंदन में टेम्स नदी पर 135 मीटर ऊंची ‘लंदन आई’ से भी 23 मीटर ऊंची।
साउंड-फ्री, पॉल्यूशन फ्री है गिफ्ट सिटी, क्लाइमेट को ध्यान में रखते हुए मेट्रो स्टेशन से सिटी में आने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स ही उपयोग में लाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी को क्लाइमेट फाइनेंसिंग का ग्लोबल हब बनाना चाहते हैं, यहां फिनटेक रिसर्च टॉवर, रिसर्च एंड डेटा टॉवर, स्टार्टअप ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट आदि बनेंगे।
गिफ्ट में एम्यूजमेंट पार्क, रिवरफ्रंट पर क्रूज, वॉटर स्पोर्ट्स होंगे। एक रीक्रिएशन एरिया भी बनेगा, जिससे यहां के लोगों को मनोरंजन के मल्टीपल इंटरनेशनल विकल्प मिलेंगे।
हैदराबाद का साइबराबाद

आईटी गलियारों में इंफोसिस-टीसीएस, माइक्रोसॉफ्ट-गूगल जैसी कंपनियां

हैदराबाद का साइबराबाद देश का एक प्रमुख आईटी केंद्र है। यह हैदराबाद में आईटी गलियारे के रूप में है, जिसको साइबराबाद नाम दिया गया है। इसमें आईटी कॉरिडोर इंफोसिस, विप्रो और टीसीएस सहित कई बड़ी आईटी कंपनियों का ऑफिस है। इस गलियारे ने माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और अमेजन जैसी कई विदेशी आईटी कंपनियों को भी आकर्षित किया है। इस आईटी कॉरिडोर ने हैदराबाद शहर के आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। यह आईटी सेक्टर का अब शहर की जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान है। यहां का आईटी कॉरिडोर भारत और दुनिया भर के अन्य शहरों के लिए एक मॉडल है। जयपुर की हाईटेक सिटी के लिए जगह की तलाश; बजट में घोषित हाईटेक सिटी बनने में समय लगेगा। इसके लिए जल्द ही यूडीएच, जेडीए, हाउसिंग बोर्ड सहित अन्य सभी विभागों की बैठक की जाएगी और रूपरेखा तैयार कर सरकार को दी जाएगी। यदि यह सिटी डवलप होती है तो दुनियाभर की कंपनियां यहां आएंगी और जयपुर की वर्ल्ड लेवल पर पहचान बनेगी। इन कंपनियों को जयपुर में इंवेस्ट करने के लिए वह सब दिया जाएगा जो उन्हें अन्य शहरों में नहीं मिलता। यहां तक कि उन्हें बुनियादी सुविधाओं में रियायत दी जाएगी। कंपनियों को बिजली, पानी, जमीन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और उन्हें तुरंत स्टार्ट मिलेगा। साथ ही सिटी में एक ही जगह कंपनियां होंगी तो मुख्य शहर में भी ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी।