Jaisalmer वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने 3 दिनों से धरना

Jaisalmer वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने 3 दिनों से धरना
 
Jaisalmer वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने 3 दिनों से धरना

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, मोहनगढ़ नहर क्षेत्र में चिंकारा हिरण शिकार मामले को लेकर वन्यजीव प्रेमी पिछले 3 दिनों से कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. वन्यजीव प्रेमियों की मांग है कि शिकार मामले में शामिल वन विभाग के कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही वन विभाग में दबे शिकार के मामलों को भी सामने लाना चाहिए ताकि शिकार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके और वन्यजीवों की सुरक्षा की जा सके. वन्यजीव प्रेमियों ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय के सामने सद्बुद्धि यज्ञ किया। वन्यजीव प्रेमियों की मांग है कि अधिकारी उनके धरना स्थल पर आएं और उनकी मांगों को सुनें और उन पर कार्रवाई करें. अन्यथा वे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले पर कार्रवाई की मांग करेंगे.

गौरतलब है कि मोहनगढ़ नहर क्षेत्र में 23 जनवरी को हुए चिंकारा हिरण शिकार मामले में वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने सबसे पहले नेहरई वन विभाग चौकी के सामने धरना दिया था. इसके बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना दिया. हालांकि वन विभाग ने शिकार मामले में 2 शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में एक कर्मचारी को निलंबित भी कर दिया गया है. वन्यजीव प्रेमी मोहन लाल विश्नोई ने कहा कि वन विभाग का वन अपराधों के प्रति सदैव लापरवाह रवैया रहा है. जहां सैकड़ों शिकार की घटनाएं होती हैं, उनमें से केवल आधे मामले ही दर्ज किए जाते हैं। जो मामले दर्ज हुए उनमें से भी 80 फीसदी मामले अदालत तक नहीं पहुंचे, जो कई वर्षों से लंबित हैं और कागजों में दबे हुए हैं. इसको लेकर हमारा विरोध जारी है.

वहीं आज धरना स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ भी किया गया. मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि वन्यजीव प्रेमियों की वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के बाद वन्यजीव प्रेमियों को आश्वासन मिला कि पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम जैसलमेर भेजी जाएगी. जांच कराई जाएगी। वन्यजीव प्रेमियों ने साफ कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे हाईवे जाम कर देंगे. जयपुर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जैसलमेर से 5 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल रवाना हुआ है. उनका कहना है कि इस प्रशासन को जगाने के लिए हमें उन 376 शहीदों को याद करना होगा जो ऐतिहासिक वर्ष 1730 के जोधपुर खेजड़ली कांड में शहीद हुए थे और जिन्होंने वन्यजीवों की रक्षा के लिए अपनी गर्दन तक काट ली थी.