Jaisalmer ऐतिहासिक किले में घाटी बन रही परेशानी का सबब, सीवरेज बना नाला

Jaisalmer ऐतिहासिक किले में घाटी बन रही परेशानी का सबब, सीवरेज बना नाला
 
Jaisalmer ऐतिहासिक किले में घाटी बन रही परेशानी का सबब, सीवरेज बना नाला
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर स्वर्णनगरी के करीब 860 वर्ष पुराने ऐतिहासिक सोनार किले की घाटी से सीवरेज का पानी रिसने से राहगीरों व वाहन चालकों की मुसीबत बढ़ गई है। लंबे समय से यह समस्या गहराने के बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है। ऐसे में यहां से आवागमन के दौरान राहगीरों व दुपहिया वाहन चालकों को काफी सावधानी बरतनी पड़ रही है। सुबह जलापूर्ति के दौरान सोनार किले की घाटियों विशेषकर सूरज प्रोल के समीप पानी रिसने से घाटियों पर पानी बिखर जाता है। ऐसे में पहले से ही चिकनी हो चुकी घाटियों पर आवाजाही के दौरान खतरा बढ़ जाता है।

गौरतलब है कि सुबह के समय स्कूल के विद्यार्थियों व लक्ष्मीनाथ मंदिर व बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं क संख्या अधिक रहती है। ऐसे में गणेश प्रोल के समीप सूरज प्रोल होकर किले से नीचे उतरने या फिर चढऩे के दौरान कई बार हादसे की आशंका बन जाती है। हालांकि दुर्गवासियों की शिकायत पर परेशानी का सबब बन रही सीवरेज की समस्या के अस्थायी निवारण के लिए नालियों की सफाई तो की जाती है, लेकिन इसका स्थायी समाधान नहीं निकलने से परेशानी जस की तस बनी हुई है।

कोढ़ में खाज

ऐतिहासिक सोनार किले की घाटियों पर टंचाई सही नहीं होने की शिकायत दुर्गवासियों की ओर से लगातार की जाती रही है। ऐसे में सुबह घाटियों से रिसने वाले सीवरेज के पानी से स्थिति कोढ़ में खाज जैसी हो रही है। कई बार घाटियों में से पानी इतनी तेजी से निकलता है कि बिन बरसात के नदी जैसी बहने की स्थिति तन जाती है। जानकारों की मानें तो इस समस्या को शीघ्र दुरुस्त नहीं करवाए जाने पर आने वाले दिनों में समस्या बढऩे की आशंका है।

फैक्ट फाइल

450 के करीब परिवार निवास करते हैं ऐतिहासिक सोनार किले में

02 वार्डों में विभक्त है जैसलमेर का ऐतिहासिक दुर्ग

08 लाख के करीब पर्यटक घूमने आते हैं यहां हर वर्ष

500से अधिक दर्शनार्थी हर दिन पहुंचते हैं दुर्ग