Jaisalmer चिढ़ाना भी है अच्छा इससे रिश्तों में लचीलापन बढ़ता, मतभेद सुलझाना आसान

Jaisalmer चिढ़ाना भी है अच्छा इससे रिश्तों में लचीलापन बढ़ता, मतभेद सुलझाना आसान
 
Jaisalmer चिढ़ाना भी है अच्छा इससे रिश्तों में लचीलापन बढ़ता, मतभेद सुलझाना आसान

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर ब्रेटमैन बताती हैं, जो जोड़े एक-दूसरे को चिढ़ाते या रोस्ट करते हैं वे एक साथ अधिक खुश रहते हैं। 154 दंपतियों पर किए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग साथ अधिक हंसते थे, वे रिश्तों के लगभग हर पहलू में अधिक संतुष्ट थे। कई जोड़ों के लिए साथ हंसने का सबसे अच्छा तरीका था-चिढ़ाना या मजाक- पर केवल तभी जब साथी एक-दूसरे पर नहीं, बल्कि साथ-साथ हंस रहे हों।

 विशेष अनुबंध के तहत

आजकल अधिकांश रिश्तों में संवाद की कमी है। पर रिश्ते की गर्माहट इस बात पर निर्भर करती है कि आप किसी के साथ कितने सहज हैं। इसे इस बात से जांच सकते हैं कि परिवार-दोस्तों के साथ हम कितना हंसी-मजाक करते हैं, एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं। दरअसल, लोग अनजाने में चिढ़ाने का इस्तेमाल किसी का मजाक बनाने या अकारण चिढ़ाने के लिए करने लगते हैं। इससे रिश्ते बिगड़ सकते हैं। जबकि, स्नेहपूर्ण और रचनात्मक खिंचाई हमें एक-दूसरे के करीब लाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में फैमिली साइंस की प्रेसिडेंट डॉ. स्मिथ-बायनम कहती हैं, स्नेहपूर्ण टिप्पणी संबंधों को मजबूत कर सकती है, क्योंकि यह ‘किसी के अनोखेपन के प्रति गर्मजोशी से आती है।’ मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह हमारी शख्सियत में किसी की वास्तविक रुचि दिखाता है। ‘चिढ़ाना’ यह पहचानना है कि हम दुनिया के सामने जो छवि पेश करते हैं, उसमें कई गहरी बारीकियां हैं, जो आमतौर पर दूसरे नहीं देखते। यह बताता है कि खिंचाई करने वाले ने हमारा अध्ययन किया है और हमारी विशेषताओं के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता, बल्कि इसे स्वीकार करके हमारे और करीब आना चाहता है।