Jaisalmer पालना गृह में नवजात को मेडिकल जांच के बाद जवाहिर अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में छोड़ा

Jaisalmer पालना गृह में नवजात को मेडिकल जांच के बाद जवाहिर अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में छोड़ा
 
Jaisalmer पालना गृह में नवजात को मेडिकल जांच के बाद जवाहिर अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में छोड़ा

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर के बाल कल्याण समिति परिसर में बने पालना गृह में मिली नवजात बच्ची दीया कुमारी को जवाहिर हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। डॉक्टरों ने मेडिकल चैकअप के बाद दीया कुमारी को एडमिट कर देखरेख में लिया है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची स्वस्थ है और औब्जर्वेशन में रखा गया है। एक-दो दिन के औब्जर्वेशन के बाद उसको छुट्टी दे दी जाएगी। फिलहाल बच्ची स्वस्थ है और जवाहिर हॉस्पिटल में शिशु गृह की केयर टेकर उसकी देखभाल कर रही है। शिशु गृह के कर्मचारियों ने गुरुवार को मिली इस बच्ची का नामकरण उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के नाम से किया है। अब सभी उसे दीया कुमारी के नाम से पुकार रहे हैं।

गौरतलब है कि गुरुवार दोपहर को बाल कल्याण समिति के परिसर में बने पालना गृह में सायरन बजने पर शिशु गृह स्टाफ को पालने में नवजात बच्ची मिली। नवजात बच्ची को शिशु गृह के स्टाफ ने अपने संरक्षण में लेकर पुलिस को इन्फॉर्म किया। हालांकि बच्ची स्वस्थ है लेकिन उसका मेडिकल आदि करवाने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम किया जा रहा है। फिलहाल बच्ची जवाहिर हॉस्पिटल में डॉक्टरों कि देखरेख में है।

डिप्टी सीएम के नाम पर रखा 'दीया कुमारी' नाम

राजकीय शिशु गृह के स्टाफ ने गुरुवार को अन्तरिम बजट पेश करते उप मुख्यमंत्री को देखा तो सभी महिलाओं ने पालना गृह में आई बच्ची का नाम भी दीया कुमारी के नाम से रखा। शिशु गृह की महिला कर्मचारियों का कहना है कि गुरुवार को पहली बार किसी महिला वित्त मंत्री ने राजस्थान का अंतरिम बजट पेश किया। इस तरह हम सभी के मन में यही आया कि ये नवजात भी उन्हीं की तरह इस दुनिया में नाम करे। इसलिए इस बच्ची का नाम भी हमने दीया कुमारी रखा।

पालना गृह से बच रही मासूमों की जान

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मुकेश व्यास ने बताया कि सरकार की पालना गृह नामक योजना से मासूम को अब कोई मरने के लिए नहीं फेंकता है, उनकी पहचान भी छिपाई जाती है। इससे मासूम बच्चों को जिंदगी मिलती है। शिशु गृह में बेहतरीन देखभाल के साथ निसंतान दम्पति को गोद लेने के लिए बच्चे भी मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि करीब 1 महीना पहले भी जवाहिर हॉस्पिटल के पालना गृह में कोई नवजात बच्चे को छोड़कर गया था। वो बच्चा भी हमारे शिशु गृह के संरक्षण में पल रहा है।