Jaisalmer तत्कालीन सरपंच ने आबादी भूमि में डीएलसी से कम दर पर जारी किए 21 पट्टे

Jaisalmer तत्कालीन सरपंच ने आबादी भूमि में डीएलसी से कम दर पर जारी किए 21 पट्टे
 
Jaisalmer तत्कालीन सरपंच ने आबादी भूमि में डीएलसी से कम दर पर जारी किए 21 पट्टे
जैसलमेर न्यूज़ डेस्क, जैसलमेर नोखा के रासीसर पुरोहितान गांव में तत्कालीन सरपंच ने आबादी भूमि में अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए डीएलसी से कम दरों पर 21 पट्टे जारी कर दिए जिससे सरकार को 15 लाख रुपए का नुकसान हुआ। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पीई (प्राथमिक जांच) में आरोप प्रमाणित मानकर मुकदमा दर्ज कर लिया है।नोखा में रासीसर निवासी पूर्णाराम मेघवाल और मोहनलाल मेघवाल ने 5 अप्रैल, 16 को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में इस्तगासा दायर कर आरोप लगाया था कि तत्कालीन सरपंच भैरूलाल मंडा ने पंचायत राज नियमों की अनदेखी कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए आबादी भूमि में डीएलसी दरों से कम में 21 पट्टे जारी कर दिए। इससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। ब्यूरो की बीकानेर चौकी ने 18 जनवरी, 17 को पीई दर्ज कर जांच की तो आरोप प्रमाणित माना। जांच में सामने आया कि तत्कालीन सरपंच भैरूलाल ने अलग-अलग साइज के 21 पट्टे जारी कर दिए।

ग्राम पंचायत ने एक जून, से 3 जून, 04 तक खुली नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले गांव के लोगों को भूखंड विक्रय किए। मौके पर 25 प्रतिशत राशि ली और बाद में 75 जमा कराने पर ग्राम सभा की सहमति से पट्टे जारी कर दिए। इस प्रक्रिया में सरपंच की अध्यक्षता में गठित नीलामी कमेटी ने नियमों की पालना नहीं की और 21 भूखंडों को डीएलसी दर से कम में विक्रय कर सरकार को 15,03,277 रुपए का नुकसान पहुंचाया। अब ब्यूरो ने तत्कालीन सरपंच और लाभार्थियों सहित 20 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच इंस्पेक्टर जयकुमार करेंगे। एक लाभार्थी की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य रामकिशन के नाम दो पट्टे जारी किए गए हैं। वर्ष, 11 में रासीसर के ग्रामीणों ने पद का दुरुपयोग कर पट्टे जारी करने की शिकायत संभागीय आयुक्त से की थी। संभागीय आयुक्त ने एडीएम प्रशासन से मामले की जांच करवाई। एडीएम ने 25 नवंबर, 11 को संभागीय आयुक्त को जांच रिपोर्ट सौंपी जिसमें तत्कालीन सरपंच भैरूलाल को दोषी माना गया।