Jalore वन विभाग की मंजूरी में अटका जालोर-बागरा फोरलेन प्रोजेक्ट

Jalore वन विभाग की मंजूरी में अटका जालोर-बागरा फोरलेन प्रोजेक्ट
 
Jalore वन विभाग की मंजूरी में अटका जालोर-बागरा फोरलेन प्रोजेक्ट

जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर-बागरा के बीच 53.22 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला 18 किमी फोरलेन प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत मार्ग को चौड़ा करने के लिए कटने वाले पेड़ों के मामले में वन विभाग ने पिछले 5 माह से स्वीकृति जारी नहीं की है। वन विभाग का कहना है कि इस तरह के मामले में एनजीटी की पॉलिसी के तहत कुछ अड़चन है और नया सर्कुलर जारी नहीं हुआ है। दो बार उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन भी मांगा गया, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। इधर, एजेंसी ने फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए काम की शुरुआत की थी, जिसके तहत पुलों को चाड़ा करने और रपट बनाने का काम किया गया। लेकिन उसके बाद एजेंसी को स्वीकृति के अभाव में काम रोकना पड़ा है। बता दें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 में प्रोजेक्ट के लिए 53.22 करोड़ की स्वीकृति जारी की थी। इसी मार्ग पर औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण है और 1 हजार से अधिक ग्रेनाइट इकाइयां भी है। ट्रेफिक लोड अधिक रहने पर उद्यमियों ने बागरा तक फोरलेन की मांग की थी। पूर्व जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष पुखराज पाराशर के हस्तक्षेप पर प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली थी। लेकिन अब यह प्रोजेक्ट भी अटक गया है।

पहले एनओजी में अटका था प्रोजेक्ट

जालोर-बागरा 18 किमी रोड बीओटी टोल रोड है। फोरलेन स्वीकृत होने पर टोल एजेंसी ने पहले आपत्ति जताई, जिसके बाद एनओसी मिलने में करीब 4 माह लगे। एनओसी मिलने पर प्रोजेक्ट पर वित्तीय स्वीकृति जारी हुई, लेकिन अब मामला फोरेस्ट डिपार्टमेंट में अटक गया है। फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए 700 के करीब पेड़ काटे जाएंगे। जिसका प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया है। एनओसी में देरी के बीच विभागीय स्तर पर तीन बार रिमाइंडर भी भेजा गया है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। एनओसी मिलने पर ही काम शुरु हो पाएगा। कार्य पूरा जुलाई 2024 तक करना है, लेकिन वर्तमान स्थिति में एजेंसी को एनओसी मिलने के अनुसार कार्य के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा। जालोर-बागरा फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए नए सर्कुलर का इश्यू आ रहा है। पेड़ कटाई के लिए एनओसी जारी करने के लिए हमने दो बार उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है। अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।