Jhalawar दो दिन से नहीं हुई बारिश, फसल सूखने की आशंका

Jhalawar दो दिन से नहीं हुई बारिश, फसल सूखने की आशंका
 
Jhalawar दो दिन से नहीं हुई बारिश, फसल सूखने की आशंका
झालावाड़ न्यूज़ डेस्क, झालावाड़  जिलेभर में रविवार को दूसरे दिन भी कहीं भी बारिश नहीं होने से किसानों की चिंताबढ़ गई है। रविवार को दिनभर बादलों की आवाजाही रही, लेकिन बिन बरसे ही निकल गए। ऐसे में दिनभर उमसभरी गर्मी से लोग खासे परेशान रहे। रविवार को अधिकतम तापमान33 डिग्री व न्यूनतम 27 डिग्री रहा है। हाल में जिन किसानों ने खेतों में बुवाई की उनकी बीज को लेकर चिंता बढ़ गई है।

भवानीमंडी शहर में एक दिन की रिमझिम बारिश के बाद फिर से इंतजार करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह हुई बारिश के बाद अब तक बारिश नहीं हुई। वहीं आसमान पर बादल मंडरा रहे है। वहीं बारिश की खेंच से फिर उमसभरी गर्मी बढ़ गई है। गर्मी के चलते लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। क्षेत्र में किसान पर्याप्त बारिश का इंतजार कर रहे है। अब तक मानसून के दौर में नाम मात्र की बारिश ही हुई है। भवानीमंडी में मानसून की बेरुखी से हर कोई चिंता में है। मानसून की गतिविधियों के शुरू होने के बाद से अब तक भवानीमंडी तहसील क्षेत्र में अब तक करीब साढेे 7 इंच बारिश हो चुकी है। क्षेत्र के कुछ स्थानों पर शुक्रवार को हल्की बारिश हुई। रविवार भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार बताए लेकिन बारिश के नाम पर इंतजार ही करना पड़ा। बारिश नहीं होने से तापमान में बढ़ोतरी हुई। दिनेश सोनी ने बताया कि बारिश नहीं होने की वजह से दिनभर उमसभरी गर्मी ने परेशान कर दिया है उमसभरी गर्मी के कारण बेचनी होती रही है। किसान बहादुर सिंह गुर्जर ने बताया कि खेतों में बुवाई कर दी है, बुवाई के कुछ दिन बाद बारिश की जरुरत होती है, लेकिन रविवार को भी आसमान में बादल छाए रहे, बिन बरसे ही निकल गए।

बकानी क्षेत्र में बारिश की खेच से फ सले सूखने के कगार पर आ गई है। किसानों को बारिश नही होंने की चिंता सता रही है। गौरलतब है कि बकानी क्षेत्र में पिछले दिनों हुई बरसात के बाद किसानों ने खेतों में बीज की बुवाई कर दी, लेकिन उसके बाद करीब एक सप्ताह से बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि बारिश की लंबी खेच से फ सल खराब होने की कगार पर है। धूप निकलने से गर्मी के कारण खेतों की नमी खत्म होती जा रही है। बारिश का मौसम रोज ही बन रहा है, लेकिन काली घटाएं बिना बरसे ही निकल रही है।