Karoli अब हाईवे वाहनों का नहीं झेल पा रहा भार, बाईपास की जरूरत

Karoli अब हाईवे वाहनों का नहीं झेल पा रहा भार, बाईपास की जरूरत
 
Karoli अब हाईवे वाहनों का नहीं झेल पा रहा भार, बाईपास की जरूरत

करौली न्यूज़ डेस्क, करौली  जिला मुख्यालय का हाइवे अब वाहनों के बढ़ते दबाव से पस्त होने लगा है। इस हाइवे पर राजस्थान के विभिन्न शहरों के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि प्रदेशों के वाहन भी निकल रहे हैं ।इससे लगातार यातायात का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में वाहनों के लगातार बढ़ रहे दबाव से अब शहर में बाइपास की दरकार है। पिछले वर्षों में जैसे-तैसे शहर के हाइवे पर वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है, वैसे-वैसे यह मांग भी जोर पकड़ने लगी है।हालांकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी शहर में बाइपास की दरकार को लेकर बात तो करते हैं, लेकिन उचित राजनीतिक पहल के अभाव में यह मांग अभी अधूरी है।

आगामी दिनों में राज्य सरकार बजट पेश करेगी। ऐसे में इस बजट में शहरवासी बाइपास की आस लगाए बैठे हैं। विशेष बात यह है कि शहर के हाइवे पर लगातार वाहनों की संख्या में हो रहे इजाफे के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से भी बाईपास की आवश्यकता जताई गई, जिसके लिए विभाग की ओर से राज्य सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भी भिजवाए जा चुके हैं।अब इन प्रस्तावों को हरी झण्डी का इंतजार है। यदि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सरकार स्तर पर प्रभावी पहल करें, तो शहरवासियों की वर्षों से चली आ रही यह मांग बजट में पूरी हो सकती है।

दो स्टेट हाईवे भी निकल रहे जिला मुख्यालय से एनएच 23 के अलावा मण्डरायल-करौली-हिण्डौन-महुवा होते हुए झिरका (हरियाणा) के लिए स्टेट हाइवे 22 तथा बालेर-खण्डार, कैलादेवी-कणपुर-करौली-मासलपुर होते हुए उत्तरप्रदेश के जगनेर तक स्टेट हाईवे 123 भी निकल रहा है।  इन सभी मार्गों के वाहन भी शहर के मध्य से ही होकर निकलते हैं। इससे वाहनों की संख्या काफी अधिक होती है। ऐसे में यदि बाईपास का निर्माण हो जाए तो यातायात का दबाव कम हो सकेगा।

यहां से निकल सकता है बाइपास

सार्वजनिक निर्माण विभाग के सूत्र बताते हैं कि मासलपुर चुंगी क्षेत्र से बाईपास निकलकर कैलादेवी मोड़ तक बनाया जा सकता है। इसके अलावा मासलपुर मार्ग स्थित आमनकापुरा से लेकर मेडिकल कॉलेज के समीप से भी बनाकर कैलादेवी मोड़ पर निकाला जा सकता है।