Karoli महाराष्ट्र की तर्ज पर राज्य में भी स्मार्ट मीटर पर लगाएं रोक
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण तथा वितरण निगमों में अलग-अलग प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम पर किए जा रहे निजीकरण के विरोध में विद्युत निगम कार्मिकों ने शुक्रवार को गुलाब बाग स्थित एक्सईएन कार्यालय से कलक्ट्रेट परिसर तक रैली निकाली। बाद में प्रतिनिधि मंडल ने 6 सूत्रीय मांगों के संबंध में ऊर्जा विभाग के एसीएस के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्मार्ट मीटर के टेण्डर निरस्त किए जाने जैसी मांग भी शामिल थी। सुबह करीब 11 बजे विद्युत निगम कार्मिक बरखेड़ा स्थित अधीक्षण अभियंता (एसई) कार्यालय पहुंचे जहां निजीकरण के विरोध में नारे लगाते हुए मुयमंत्री के नाम एसई को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सभी निगमकर्मी गुलाब बाग के पास स्थित निगम के अधिशासी अभियंता कार्यालय पहुंचे।
यहां निगमकर्मियों ने सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू करने तथा निजीकरण के विरोध में जमकर नारे लगाए। इसके बाद निगमकर्मी बैनर और ततियां लिए रैली के रूप में राजकीय महाविद्यालय, सर्किट हाउस, होते हुए कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां भी मांगों के संबंध में नारे लगाए। कोतवाली थानाधिकारी सुनील कुमार आदि मौजूद रहे। स्मार्ट मीटरों पर लगे रोक : कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि राजस्थान टीएन-199 के तहत स्मार्ट मीटर लगाने के टेण्डर हो चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र राज्य में स्मार्ट मीटर के दुष्प्रभावों को देखते हुए रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में पुर्नविचार कर राजस्थान में भी रोक लगाई जाए। साथ ही आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी आदि नामों से निजी भागीदारी द्वारा कार्य नहीं कराने, ग्रिड सेटी कोड का उल्लंघन नहीं करने, प्रसारण निगम के ग्रिडों का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर नहीं देने, विद्युत उत्पादन गृह को धन की कमी का बहाना बताकर केन्द्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाकर हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को बंद करने, तकनीकी प्रकृति के स्थायी कार्यों के लिए स्थाई कार्मिकों की भर्ती करने तथा सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग की गई।