Kota दो चरणों में बनेगा एयरपोर्ट, मई 2025 में शुरू होगा निर्माण

Kota दो चरणों में बनेगा एयरपोर्ट, मई 2025 में शुरू होगा निर्माण
 
Kota दो चरणों में बनेगा एयरपोर्ट, मई 2025 में शुरू होगा निर्माण

कोटा न्यूज़ डेस्क, काेटा के ग्रीनफील्ड एयरपाेर्ट का निर्माण एयरपाेर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) दाे चरण में करेगी। डीपीआर में दाेनाें चरण की समयावधि तय कर दी है। पहले चरण का काम मई 2025 में शुरू हाेकर 2028 तक समाप्त हाेगा। इस फेज काे 2 एमपीपीए (मिलियन पैसेंजर पर एनम) के अनुमान से डिजाइन किया है। यानी सालाना 20 लाख यात्रियाें का आवागमन माना है।दूसरे फेज के काम 2043 से शुरू हाेकर 2046 में खत्म हाे जाएंगे। यह 6 एमपीपीए, यानी 60 लाख यात्री प्रतिवर्ष के अनुमान से विकसित किया जाएगा। हवाई अड्डे के लिए 440.646 हैक्टेयर जमीन मिली है, जिसका उपयाेग इसी हिसाब से हाेगा।

अब बहुत जल्दी शुरू हाेगी टेंडर प्रक्रिया

डीपीआर की प्रक्रिया 7 से 10 दिन में पूर्ण कर ली जाएगी। इसके समानांतर एयरपाेर्ट से जुड़े सिविल कार्याें के टेंडर डाॅक्यूमेंट्स तैयार कराए जाएंगे। अगले महीने अंत तक टेंडर लगाए जा सकते हैं। फरवरी-मार्च के बीच टेंडर प्रक्रिया पूरी हाेने का अनुमान है। एएआई ने काम शुरू करने के लिए मई 2025 की डेडलाइन तय की है। लेकिन माैजूदा रफ्तार के हिसाब से एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इससे पहले काम शुरू हाे जाएगा।

पहले चरण में ये काम

45 मीटर चाैड़ा 3200 मीटर लंबा रन-वे, दाे लिंक टैक्सी-वे, टर्मिनल बिल्डिंग, जिसका कुल बिल्ट अप एरिया 20 हजार वर्ग मीटर, एयर ट्रैफिक कंट्राेल टावर कम टेक्नीकल ब्लाॅक, अलग-अलग श्रेणी के एप्रन, जीएसई हैंडलिंग एरिया, फायर स्टेशन (केटेगरी-7), कार्यशाला, आइसाेलेशन बे, एयरसाइड ऑपरेशनल बाउंड्री, कैट ऑपरेशन के लिए एजीएल एंड विजुअल सहायक उपकरण, हाई मास्ट लाइटिंग, पैरीमीटर राेड, स्टाॅर्म वाटर ड्रैनेज, प्राॅपर्टी बाउंड्री, सीसीआर हाॅल, सीएनएस सुविधाएं, लाेकलाइजर, डीवीओआर, ग्लाइड पाथ आदि निर्माण हाेंगे।

दूसरे चरण के काम

रनवे के अपग्रेडेशन सहित मांग के अनुरूप टर्मिनल बिल्डिंग, 23 मीटर चाैड़ा पैरेलल टैक्सी ट्रैक और तीन लिंक टैक्सी वेज, 15 अतिरिक्त पार्किंग स्टैंड्स, कार्गाे टर्मिनल 2 हजार वर्गमीटर, जनरल एविएशन ब्लाॅक, मैनेजमेंट बिल्डिंग, मेंटीनेंस बिल्डिंग, एयरपाेर्ट सिक्याेरिटी बिल्डिंग, सीसीआर रूम, एयराेनाॅटिकल ग्राउंड लाइटिंग, सीएनएस सिस्टम के लिए अलग से भवन, ऑपरेशनल सिक्याेरिटी वाॅल और वाॅच टावर, एमआरओ और फ्लाइट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एएआई आवासीय काॅलाेनी और हैंगर्स शामिल हैं।