Kota दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही परेशानी

Kota दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही परेशानी
 
Kota दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही परेशानी

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा एमबीएस हॉस्पिटल में सर्टिफिकेट बनाने के लिए दिव्यांगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हॉस्पिटल में आरआरसी रूम तक जाने के लिए दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर तक नहीं है। ऐसे में कई दिव्यांगों को घुटनों व हाथों के बल गेट से डॉक्टर रूम तक जाना पड़ता है। आज भी हॉस्पिटल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। दिव्यांगों का कहना है कि हॉस्पिटल में सर्टिफिकेट बनाना परीक्षा देने जैसा काम है।

रैंप की व्यवस्था भी नहीं

ऑल इंडिया विकलांग मित्र एसोसिएशन के संयोजक मुकेश जैन का कहना है कि कई दिव्यांग चल फिर नहीं सकते। उन्हें व्हीलचेयर की जरूरत रहती है। हॉस्पिटल में आरआरसी तक जाने के लिए व्हील चेयर तक नहीं है। यहां ऑर्थो से संबंधित दिव्यांगों के सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं। पहले तो जैसे-तैसे हॉस्पिटल गेट से डॉक्टर रूम तक पहुंचने में दिक्कत होती है। फिर डॉक्टर के इंतजार में रुकना पड़ता है। यहां दिव्यांगों के टॉयलेट जाने तक की व्यवस्था नहीं है। आज 11 बजे तक रूम में डॉक्टर नहीं आए। दिव्यांग 2 घंटे तक इंतजार करते रहे। यहां बैठने तक कि व्यवस्था नहीं। उन्हें जमीन पर ही बैठना पड़ता है। यहां दूर दराज से दिव्यांग आते हैं। यहां रैंप की भी ठीक व्यवस्था नहीं है।

ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर केजी नामा ने बताया कि यहां दो व्हीलचेयर रखी हुई है। फिलहाल दोनों व्हीलचेयर खराब है। उन्हें रिपेयर करने के लिए दे रखा है। आज वार्ड में क्लास होने के कारण 2 घंटे की देरी हुई। यहां टॉयलेट व रैंप की सुविधा है। रोज 8-10 दिव्यांग ऑर्थो में सर्टिफिकेट के लिए आते हैं।