Kota माता-पिता को बच्चों को सिर्फ धन-संपत्ति ही नहीं बल्कि अच्छे संस्कार भी देने चाहिए

Kota माता-पिता को बच्चों को सिर्फ धन-संपत्ति ही नहीं बल्कि अच्छे संस्कार भी देने चाहिए
 
Kota माता-पिता को बच्चों को सिर्फ धन-संपत्ति ही नहीं बल्कि अच्छे संस्कार भी देने चाहिए
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा संत विशुद्ध सागर ने रावतभाटा पंच कल्याणक महोत्सव में गुरुवार दोपहर को नया बाजार दिगंबर जैन मंदिर में इस दौरान उन्होंने शिक्षा, समाज, राजनीति के साथ-साथ संस्कारों पर चलने और बच्चों को अच्छे संस्कार देने का संदेश दिया। आचार्यश्री से बातचीत के प्रमुख अंश!

बच्चों को कैसे संस्कार देने चाहिए?

बच्चों को केवल धन संपत्ति नहीं संस्कार भी दो। जिसके पिता ने मृत्यु के पहले अपने बच्चों को सब कुछ दे दिया लेकिन पूजा, धर्म, ध्यान, शास्त्र का ज्ञान नहीं दिया, गुरु की सेवा, दया नहीं सिखाई तो पूरी संपत्ति देने के बाद भी वह पिता अपने बच्चों को कंगाल करके जाएगा। जिस पिता ने केवल धर्म और संस्कार अपने बच्चों को दिया है वह भाग्यशाली है।

अध्यात्म-ज्ञान क्या है?

ज्ञान गुणी होता है, ज्ञान के बिना परमात्मा और आत्मा की परिकल्पना भी नहीं कर सकते। जिस व्यक्ति के पास ज्ञान है वो कभी भी उग्र नहीं हो सकता। वह शीतल जल के सामान शांत रहता है। आध्यात्म में तर्कशास्त्र और रसायनशास्त्र दोनों एक साथ कार्य करता है। इनकी व्याख्या करना पड़ता है। जगत के पास विज्ञान है, बहुत कुछ कर सकता है, लेकिन भगवान को महसूस नहीं कर पाया है। अहंकार के रोग में डूबे व्यक्ति को भगवान नहीं दिखाई देते है।

विद्यार्थियों में निराशा और आत्महत्या?

आत्महत्या करना किसी समस्या का समाधान नहीं है, अपितु आत्महत्या तो एक महापाप है जो स्वयं को तो कष्ट में डालेगा ही साथ-ही-साथ ऐसा करने से आपके परिवार पर भी आपत्ति आएगी, समाज व परिवार की बदनामी होगी। आप ऐसा अपराध कभी न करें, समस्या का समाधान खोजें। जीवन अमूल्य है, इसे आनंद और परोपकार में व्यतीत करें। नर तन प्राप्त करना अत्यंत कठिन है।

आमजन को क्या संदेश देना चाहते हैं

कान में कहने वालों पर विश्वास न करना। यदि आपको समाज चलाना है, गृहस्थ को अपना गृहस्थ चलाना है, राष्ट्र नेता को राष्ट्र चलाना है या धर्माचार्य को धर्म चलाना है, कानों में फूंकने वालों पर विश्वास नहीं करना। जो कानों में कहने आए उससे स्पष्ट कहना मुझे सुनाई देता है। कानों में जो कहने आता है वह स्वयं विशेष बनना चाहता है और शंका के घेरे में तुमको डालना चाहता है।