Jaipur श्राद्ध पक्ष में तर्पण और पिंडदान का अंतिम दिन आज
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर पितृ पक्ष का समापन आश्विन माह की अमावस्या यानि आज होगा। इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल श्राद्ध पक्ष में दान पुण्य के साथ पितरों को तर्पण और पिंडदान करने का यह अंतिम मौका है।मान्यता है कि इस दिन पितृ पुन: पितृलोक को लौट जाते हैं। ऐसे में उचित क्रियाकलाप करने से पितृ तृप्त होकर लौटते हैं। जिन लोगों को पूर्वजों के निधन की तिथि ज्ञात नहीं है या किसी कारणवश पितृपक्ष में उचित समय पर श्राद्ध नहीं कर पाए, तो इस अमावस्या पर पितृकर्म किया जा सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है।
भूखों को कराएं भोजन
इस दिन भूखे व्यक्ति को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। सर्वपितृ अमावस्या पर अपने घर से किसी जरूरतमंद को भूखा न जाने दें। मनुष्य हो या पशु-पक्षी यदि भोजन की इच्छा के साथ आता है, तो उसे खाने के लिए अवश्य दें। खीर और दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन अच्छा माना गया है। इस दिन सभी पितरों के नाम से श्राद्ध कर्म के कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन जिन दिवंगत परिजनों की श्राद्ध की तिथि पता नहीं होती है उनके नाम से भी श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि करने से पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।