'मोदी चादर चढ़ा रहे हैं और उनके लोग कोर्ट केस कर रहे हैं' अजमेर दरगाह मामले पर बोले गहलोत
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका अदालत द्वारा सुनवाई के लिए स्वीकार होने के बाद हंगामा जारी है. अदालत के इस फैसले पर सवाल उठाये जा रहे हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद वहां चादर चढ़ाते हैं और उनकी पार्टी के लोग याचिका दायर कर रहे हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि अजमेर दरगाह 800 साल पुरानी है. दुनिया के लोग वहां पर आते हैं. उनके एक्शन से कोर्ट में केस हो गया, दुनिया के मुल्कों के मुस्लिम भी आते हैं, हिंदू भी आते हैं. प्रधानमंत्री कोई भी हो, कांग्रेस बीजेपी किसी दल के हो, पंडित नेहरू के जमाने से मोदी जी तक तमाम प्रधानमंत्री की तरफ से दरगाह में चादर चढ़ती है. इतनी मान्यता उसकी है, चादर चढ़ाने के अपने मायने होते हैं. आप चादर भी चढ़ा रहे हैं और आपकी पार्टी के लोग कोर्ट में केस भी कर रहे हैं. आप भ्रम पैदा कर रहे है तो लोग क्या सोच रहे होंगे?
''इतनी दूरी बढ़ा देंगे तो कैसे विकास होगा''
उन्होंने आगे कहा, हर धर्म में थोड़ा बहुत भेदभाव हो सकता है, धर्म के नाम पर थोड़ी असहमति हो सकती है. अपने धर्म के बारे में थोड़ा सोच सकता है, लेकिन इतनी घृणा पैदा कर देंगे, दूरी बढ़ा देंगे तो कैसे विकास होगा? जहां अशांति है वहां विकास नहीं हो सकता, वहां विकास ठप हो जाता है. ये बात किसको कहनी चाहिए, यह बातें मोदी जी और आरएसएस को करनी चाहिए. देश अभी वो चला रहे हैं.
#WATCH | Jaipur: On a suit claiming Shiva temple within Ajmer Sharif Dargah, Former Chief Minister of Rajasthan and Congress leader Ashok Gehlot says, "...A law was passed that the places of worship of different religions which have been constructed by 15 August 1947, will not be… pic.twitter.com/i9fy5A0OqU
— ANI (@ANI) November 28, 2024
''मूल मुद्दे क्या हैं,यह ज्यादा महत्व रखता है?''
गहलोत ने कहा- जब 15 अगस्त 1947 की स्थिति में संसद में कानून पास हो गया, उसके बावजूद मंदिर दरगाह में क्या था, पहले क्या था उसी में फंसे रहेंगे तो देश के मूल मुद्दों का क्या होगा? मूल मुद्दे क्या हैं,यह ज्यादा महत्व रखता है. महंगाई, बेरोजगारी, विकास का मुद्दा है, अर्थव्यवस्था का है, सामाजिक न्याय और सामाजिक व्यवस्थाओं का मुद्दा है.
''देश में धर्म के नाम पर राजनीतिक चल रही है''
अशोक गहलोत ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है धार्मिक स्थान किसी भी धर्म के हो उन सब पर 15 अगस्त 1947 तक जो बने हुए हैं उस पर सवाल नहीं होना चाहिए, इसका कानून बना हुआ है. जब से आरएसएस बीजेपी सरकार आई है, आप देख रहे हो देश में धर्म के नाम पर राजनीतिक चल रही है. चुनाव चाहे महाराष्ट्र का हो, चाहे हरियाणा का हो, चाहे पार्लियामेंट का हो, सारे चुनाव ध्रुवीकरण के आधार पर जीते जा रहे हैं. खुलकर धर्म के आधार पर यह लोग टिकट बांट रहे हैं. देश में स्थिति तो बड़ी विकट है, यह स्थिति आसान नहीं है यह तो इनको खुद को देखने की बात है जो आज शासन में हैं.