Nagaur बजरी का पट्टा बंद हुआ तो शॉर्टकट निकाला, घटिया क्वालिटी की बजरी

Nagaur बजरी का पट्टा बंद हुआ तो शॉर्टकट निकाला, घटिया क्वालिटी की बजरी
 
Nagaur बजरी का पट्टा बंद हुआ तो शॉर्टकट निकाला, घटिया क्वालिटी की बजरी
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर क्षेत्र में निकलने वाली बजरी गुणवत्ता में अन्य जगहों की बजरी से कमजोर है। उत्पादन कम होने से महंगी भी है, लेकिन क्षेत्र की खदानों में निकलने वाली बजरी को सिलिका सेंड बताकर खनन विभाग दुगुनी से भी अधिक रॉयल्टी वसूल रहा है। इससे स्थानीय बजरी की दर बढ़ने और बिक्री कम होने से खदानें बंद होने की नौबत आ गई है।क्षेत्र में 10 से 15 किमी दूर ले जाकर प्रति डम्पर 6000 से 7000 रुपए में डाली जा रही क्षेत्र की मिट्टी व बजरी पर 5500 से 10000 रुपए तक रॉयल्टी लग जाती है। खान धारकों के अनुसार इतनी महंगी बजरी कोई नहीं खरीदता है। इस दर में रोहिसा, पीपाड़ क्षेत्र की उत्तम गुणवत्ता वाली बजरी आ जाती है।

बजरी लीज हटी तो अपनाया शॉर्टकट

खनन लीज धारकों ने बताया कि पहले क्षेत्र के फिरोजपुरा, जुंजाला, बोड़वा, गोतेड़ी, खेड़ा नारनौलिया, खजवाना, ग्वालू आदि गांवों में करीब तीन दर्जन लीजधारक खदानें थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने निजी खसरों में मिली बजरी खनन की लीज बंद कर दी। सरकार ने शॉर्टकट अपनाते हुए उन खानधारकों को सिलिका सेंड की लीज सौंप दी। लीज धारकों का आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार ने बजरी के बड़े लीज धारकों के प्रभाव में आकर उनकी बजरी लीज बंद की । बाद में खानधारकों के अनुरोध पर उन्हें सिलिका सेंड की लीज दी गई। उन्हें यह कहकर सिलिका सेंड की रॉयल्टी दी गई कि इस खनिज पर उनकी कोई रॉयल्टी नहीं लगेगी। लेकिन हाल ही में रॉयल्टी फिर से शुरू कर दी गई। क्षेत्र के फिरोजपुरा, जुंजाला, खेड़ानारनौलिया, रूपाथल, बोड़वा, गोठड़ा, पातेली, खजवाना, बू, ग्वालू क्षेत्र में बजरी खनन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में करीब 40 खान धारकों के पास सिलिका सेंड की लीज है।