Ajmer में नए औद्योगिक क्षेत्र की दरकार, छह सौ बीघे जमीन खाली सराधना

Ajmer में नए औद्योगिक क्षेत्र की दरकार, छह सौ बीघे जमीन खाली सराधना
 
Ajmer में नए औद्योगिक क्षेत्र की दरकार, छह सौ बीघे जमीन खाली सराधना
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर जिले को विभाजित कर दो नए जिले तो बना दिए गए, लेकिन औद्योगिक दृष्टि से अजमेर का विकास नहीं हो पाया। उद्यमी खासकर लघु उद्यमी लंबे समय से नए औद्योगिक क्षेत्र बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन रीको, अजमेर विकास प्राधिकरण व राज्य सरकार में तालमेल के अभाव में नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं बन पा रहा है। ऐसा नहीं कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूमि न हो। सराधना के निकट अभी भी करीब छह सौ बीघा भूमि रिक्त पड़ी है। पूर्व में इस भूमि पर एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन एयरपोर्ट किशनगढ़ में बना दिया गया। जिला लघु उद्योग संघ व लघु उद्योग भारती जिले के जनप्रतिनिधियों व सरकार से मांग कर रहे हैं कि सराधना में एयरपोर्ट वाली भूमि को औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर दिया जाए। जिले में नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं बनने से नए उद्योग भी स्थापित नहीं हो रहे हैं। रीको ने नए क्षेत्र के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजे हैं, लेकिन प्रस्तावों पर सहमति नहीं हो पा रही है।

नए औद्योगिक क्षेत्र के लिए संघर्षरत लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि अजीत अग्रवाल ने बताया कि एक ओर नया क्षेत्र नहीं बन रहा है तो दूसरी ओर मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेगल औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली है। इस क्षेत्र में पीने के पानी की टंकी तक नहीं है जिसकी वजह से उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों को परेशानी हो रही है। पानी की टंकी की राशि जलदाय विभाग में जमा करा दी गई है, लेकिन फिर भी टंकी का निर्माण नहीं हो रहा है। माखुपुरा औद्योगिक क्षेत्र की टंकी से आवासीय कॉलोनियों में पेयजल की सप्लाई हो रही है। इससे इस क्षेत्र के श्रमिकों को मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध नहीं होता। ब्यावर तहसील के नरबदखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या है।

पालरा औद्योगिक क्षेत्र में डंपिंग यार्ड नहीं होने से उद्यमियों को परेशानी हो रही है। अग्रवाल ने कहा कि नए औद्योगिक क्षेत्र नहीं बनने के कारण ही सेंदरिया गांव के निकट भूखंडों पर छोटे छोटे उद्योग लग गए, लेकिन इनका नियमितिकरण नहीं हो पा रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में टूटी फूटी सड़कें होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं। कई क्षेत्रों में तो बिजली के तार झूलते देखे गए हैं। अग्रवाल ने अजमेर के विधायक वासुदेव देवनानी के विधानसभा अध्यक्ष और सुरेश रावत के कैबिनेट मंत्री बनने पर उम्मीद जताई है कि अब नए औद्योगिक क्षेत्र बनने में मदद मिलेगी। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान भी होगा।