Nagaur आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए नेमाराम खुद ही परिवार पर बोझ बन गए
एक वर्ष पहले खनन दुर्घटना में वह गम्भीर रूप से जख्मी हो गया। उसकी रीड की हड्डी टूट गई और मस्तिष्क में गहरी चोट आ गई । परिवारजनों ने पहले तो उसका आंध्रप्रदेश में इलाज करवाया।बाद में इलाज के लिए अजमेर ले आए, लेकिन नेमाराम का इलाज नहीं हो सका। अत्यधिक गरीबी के कारण नेमाराम की मां जशोदा इलाज करवाकर आर्थिक रूप से काफी टूट चुकी है।नेमाराम पिछले एक वर्ष से घुटन भरी जिदंगी जीने को मजबूर है। दर्द से चिंखता हुआ वह दिनभर आंखों से आंसू बहाता रहता है।नेमाराम का गहरी चोट लगने से पेट से नीचे का शरीर निष्क्रीय हो गया है। चारपाई ही उसका सहारा बन कर रह गई है। शरीर बिल्कुल नहीं हिलता है। वह आंत्र असंयम बीमारी जूझ रहा है। वह शौच प्रेशर को भी नहीं रोक सकता और न हीं आंतडियों को नियंत्र में कर पाता है। पिछले एक वर्ष से पाइप के जरिए उसका खाना पीना चल रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन व भामाशाहों से उसके इलाज के लिए परिवार की आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है।