Pali सादड़ी के परशुराम बगेची झुपा स्कूल पर डेढ़ घंटे तालाबंदी

Pali सादड़ी के परशुराम बगेची झुपा स्कूल पर डेढ़ घंटे तालाबंदी
 
Pali सादड़ी के परशुराम बगेची झुपा स्कूल पर डेढ़ घंटे तालाबंदी
पाली न्यूज़ डेस्क, पाली सादड़ी के परशुराम महादेव बगेची रेबारियों की ढाणी झुंपा स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल व राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पद भरने की मांग पर आक्रोशित अभिभावक, ग्रामीणों ने सोमवार को करीब डेढ़ घण्टे स्कूल पर तालाबंदी की। स्थायी शिक्षक तैनात करने की मांग को लेकर धरना देकर प्रदर्शन किया। अधिकारियों के नहीं पहुंचने की स्थिति में सरकार, शिक्षा विभाग अधिकारियों को 7 दिन में स्थायी शिक्षक नहीं लगने पर अनिश्चितकालीन तालाबंदी की चेतावनी दी है। अधिकारी नहीं पहुंचते देख प्रतिनियुक्ती पर लगे शिक्षकों ने समझाइश कर ग्रामीणों को शांत किया।

उपबस्ती बगेची झुंपा रेबारियों की ढाणी में पहले राजकीय उच्च प्राथमिक स्तर हिंदी माध्यम स्कूल संचालित हो रही थी। गतवर्ष चुनावी साल में इसे महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल प्राथमिक स्कूल रूप में परिवर्तित किया। वर्तमान में यहां अंग्रेजी माध्यम की कक्षा1 से 6 तक कक्षाएं चल रही हैं। जहां हिंदी माध्यम में कक्षा 7 व 8 संचालित हो रही है। गत साल कुल 130 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। इस वर्ष स्थायी शिक्षक नहीं होने से 40 का नामांकन टूटा। वर्तमान में छात्र/छात्राओं की कुल सया 90 रह गई है। यहां वर्तमान में 1 स्थायी व 2 प्रतिनियुक्ती पर शिक्षक तैनात हैं। सोमवार सुबह 7.30 बजे अभिभावक व ग्रामीण पूर्व पालिकाध्यक्ष दिनेश मीणा, गजाराम जाट, राकेश मेवाड़ा, उमाराम राइका, फुआराम देवासी, शंकरलाल माली, बाबूदास, राणाराम सहित प्रबुद्धजनों महिलाओं की मौजूदगी में प्रवेश द्वार पर तालाबंदी कर दी।

स्कूल के बाहर अभिभावक व ग्रामीणों ने बच्चों व शिक्षकों को रोक दिया। करीब डेढ़ घण्टे तक धरना प्रदर्शन किया। उच्चाधिकारियों को फोन पर सूचना दी। कोई मौके पर नहीं पहुंचा। ड्यूटी पर तैनात शिक्षक अनिल यादव, रामप्रसाद, कुसुम गोस्वामी ने ग्रामीणों से समझाइश कर ताला खुलवाया। अभिभावकों ने बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो इसको देखते हुए डेढ़ घण्टे बाद प्रवेश द्वार पर लगाया ताला खोल सभी को अंदर जाने दिया। गेट लगाकर फिर धरने पर बैठ गए। अधिकारियों को फोन पर सूचना देकर आगामी 7 दिन में स्थायी शिक्षक नहीं लगने पर तालाबंदी की चेतावनी दी।